उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता एक ऐसा मुद्दा है जो समाज के हर क्षेत्र में प्रचलित है और यह आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए एक संघर्ष बनता जा रहा है। इस संघर्ष के कई पहलू और कारण हो सकते हैं। शिक्षा में असमानता, लड़कियों को अक्सर लड़कों की तुलना में कम अवसर मिलते हैं। कई स्थानों पर लड़कियों की शिक्षा को कम आंका जाता है, जिससे उनके करियर और जीवन में प्रगति करने की संभावना कम हो जाती है। रोजगार के अवसर महिलाओं को समान योग्यता के बावजूद भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। उच्च पदों पर महिलाओं की संख्या बहुत कम है। घरेलू काम का बोझ ऐसा है कि महिलाओं को परिवार और घर के काम की मुख्य जिम्मेदारी लेनी पड़ती है जिससे वे अपना करियर नहीं दे पाती हैं। व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देने की कमी है जैसे कि स्वास्थ्य सेवा में, स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में महिलाओं की पहुंच में भेदभाव हो सकता है, जो उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।