उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मनरेगा भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना है जिसके तहत प्रत्येक परिवार को हर साल 100 दिनों का रोजगार मिलेगा। यह सुनिश्चित किया जाता है कि इस योजना से कई ग्रामीण मजदूरों को राहत मिली है, फिर भी जीव का परजन में मनरेगा मजदूरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मनरेगा मजदूरों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। अक्सर कई महीनों की देरी होती है जिससे मजदूरों की आर्थिक स्थिति और बिगड़ जाती है। मनरेगा के तहत दिए जाने वाले वेतन की राशि अक्सर बाजार दर से कम होती है। यह न्यूनतम मजदूरी पर निर्भर मजदूरों के लिए एक आजीविका है। यह लाने के लिए अपर्याप्त है कि उन्हें अन्य आर्थिक गतिविधियों की तलाश करनी पड़े।