मुफ्त शिविर लगाकर कैंसर की जांच और दवाएं दी गईं। हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान तथा आरएचसी महिला जागरूकता ने शिविर लगाया। खजनी गोरखपुर।। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज क्षेत्र के कटघर गांव के पंचायत भवन में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान गीता वाटिका गोरखपुर के द्वारा कैंसर की मुफ्त प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पहुंचे कुल 110 मरीजों का कैंसर अस्पताल से आए डॉ.राकेश श्रीवास्तव के द्वारा जांच और कैंसर संबंधित परामर्श दिया गया और उनके लक्षणों की जांच के बाद निशुल्क दवाइयां दी गईं। शिविर में बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं और युवाओं ने बेझिझक स्वास्थ्य जांच कराते हुए अपने संदेह दूर करके शिविर का लाभ उठाया। इस दौरान कैंसर जागरूकता अभियान के शिविर में आए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण तथा उसके इलाज के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गईं। उन्हें बताया गया कि लगातार खांसी में खून आना,आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना,अस्पष्टीकृत एनीमिया रक्ताल्पता, स्तन में गांठ या स्तन से स्राव,अंडकोष में गांठें, पेशाब में बदलाव,पेशाब में खून आना,तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई,असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना,रात को पसीना आना,या बुखार रहना,मुंह या मसूड़ों में ठीक न होने वाले घाव,जीभ या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे होना,गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग लगे, अधिक समय तक पीठ में दर्द, पेल्विक दर्द,सूजन या अपच कैंसर का संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण मिलने पर कैंसर के डाॅक्टर को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगाकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज किया जा सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण कराना क्योंकि प्रारंभिक युवा अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित की गई तथा उन्हें औरों को भी कैंसर के बारे मे जागरुक करने की सलाह दी गई। शिविर में अजय श्रीवास्तव ग्रामप्रधान आलोक सिंह,रानी त्रिपाठी,राजकमल,राम तपेश, गोबिंद भारती,प्रतिमा शर्मा,नारद मुनि,अंकित पांडेय का सराहनीय योगदान रहा।