गोरखपुर। जीपी एसोसिएशन द्वारा शनिवार को गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय एवं स्कूल ऑफ नर्सिंग गंगोत्री देवी के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण व चिकित्सकीय संवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। एसोसिएशन की सचिव डॉ प्रतिभा गुप्ता, अध्यक्ष डॉ जयश्री मल्ल व संयोजक डॉ एपी गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में जनपद के तकरीबन 30 वरिष्ठ चिकित्सकों ने भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की संरक्षिका श्रीमती रीना त्रिपाठी, व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र, प्राचार्य डॉ पूनम शुक्ल, नर्सिंग विभाग की प्रधानाचार्य लोरीटा याकूब ने आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ समाजसेवी अंकित मिश्र 'राष्ट्रवादी' ने किया। इस दौरान स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम में 537 छात्राओं का हीमोग्लोबिन, थायराइड, शुगर, रक्तचाप नेत्र जांच, नाक कान गला, चर्म रोग, एलर्जी, दमा की जांच कर चिकित्सकीय परामर्श के साथ निशुल्क दवा वितरण किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सीबी मद्देशिया ने कहा कि आजकल मानसिक स्वास्थ्य पर लोगों का ध्यान बहुत कम जा रहा है। आज हर वर्ग के लोग किसी ना किसी रूप में मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं। इसने बच्चों से लेकर युवाओं को भी अपनी चपेट में ले लिया है। मुख्य रूप से स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजायटी व सिजोफ्रेनिया इत्यादि मानसिक रोग लोगों में फैलते जा रहे हैं। अत: खुद के ऊपर समय दें। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। उन्होंने सलाह दी कि घर में सकारात्मक माहौल बनाएं, पारिवारिक कलह से दूर रहें। वरिष्ठ चिकित्सिका डॉ दीप्ति चतुर्वेदी ने बताया सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सेकंड मोस्‍ट कॉमन कैंसर माना जाता है. भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में 29 फीसदी मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं. ये बीमारी बहुत ही खामोशी से शरीर पर वार करती है. इसके लक्षण भी बेहद कॉमन होते हैं, इसलिए अधिकतर मामलों में महिलाओं को बीमारी का पता बहुत देर से चल पाता है।महिलाओं में होने वाली इस खतरनाक बीमारी को पूरी तरह खत्‍म करने के लिए अब सरकार भी तैयारी कर रही है. हाल ही बजट 2024 में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'नारी शक्ति' के तहत सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए वैक्‍सीनेशन के लिये उठाया कदम सराहनीय है। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ डॉ बबिता शुक्ला ने कहा महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम सभी शहरों में आयोजित किए जाने चाहिए। इससे महिलाओं के बीच एक सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में रीना त्रिपाठी ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि पीड़ित की चिकित्सा सेवा कर उन्हें स्वस्थ करना सर्वोत्तम मानव धर्म है, इसी धर्म का पालन करने के कारण चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ प्रकाश चंद्र शाही, डॉ नदीम अरशद, डॉ आर पी शुक्ला, डॉ घनश्याम सिंह, डॉ स्मिता जायसवाल,डॉ सच्चिदानंद गुप्ता, डॉ प्रभात कुमार अग्रवाल, डॉ अमित कुमार पांडेय, डॉ सरिता अग्रवाल, डॉ कीर्ति अग्रवाल, डॉ अमित मित्तल, डॉ संतोष गुप्ता, डॉ बीबी आग्रहरी,डॉ राशिद हुसैन, डॉ मनोज मल्हगोरखपुर।जीपी एसोसिएशन द्वारा शनिवार को गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय एवं स्कूल ऑफ नर्सिंग गंगोत्री देवी के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण व चिकित्सकीय संवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। एसोसिएशन की सचिव डॉ प्रतिभा गुप्ता, अध्यक्ष डॉ जयश्री मल्ल व संयोजक डॉ एपी गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में जनपद के तकरीबन 30 वरिष्ठ चिकित्सकों ने भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की संरक्षिका श्रीमती रीना त्रिपाठी, व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र, प्राचार्य डॉ पूनम शुक्ल, नर्सिंग विभाग की प्रधानाचार्य लोरीटा याकूब ने आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ समाजसेवी अंकित मिश्र 'राष्ट्रवादी' ने किया। इस दौरान स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम में 537 छात्राओं का हीमोग्लोबिन, थायराइड, शुगर, रक्तचाप नेत्र जांच, नाक कान गला, चर्म रोग, एलर्जी, दमा की जांच कर चिकित्सकीय परामर्श के साथ निशुल्क दवा वितरण किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सीबी मद्देशिया ने कहा कि आजकल मानसिक स्वास्थ्य पर लोगों का ध्यान बहुत कम जा रहा है। आज हर वर्ग के लोग किसी ना किसी रूप में मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं। इसने बच्चों से लेकर युवाओं को भी अपनी चपेट में ले लिया है। मुख्य रूप से स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजायटी व सिजोफ्रेनिया इत्यादि मानसिक रोग लोगों में फैलते जा रहे हैं। अत: खुद के ऊपर समय दें। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। उन्होंने सलाह दी कि घर में सकारात्मक माहौल बनाएं, पारिवारिक कलह से दूर रहें। वरिष्ठ चिकित्सिका डॉ दीप्ति चतुर्वेदी ने बताया सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सेकंड मोस्‍ट कॉमन कैंसर माना जाता है. भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में 29 फीसदी मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं. ये बीमारी बहुत ही खामोशी से शरीर पर वार करती है. इसके लक्षण भी बेहद कॉमन होते हैं, इसलिए अधिकतर मामलों में महिलाओं को बीमारी का पता बहुत देर से चल पाता है। महिलाओं में होने वाली इस खतरनाक बीमारी को पूरी तरह खत्‍म करने के लिए अब सरकार भी तैयारी कर रही है. हाल ही बजट 2024 में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'नारी शक्ति' के तहत सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ 9 से 14 साल की लड़कियों के लिए वैक्‍सीनेशन के लिये उठाया कदम सराहनीय है। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ डॉ बबिता शुक्ला ने कहा महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम सभी शहरों में आयोजित किए जाने चाहिए। इससे महिलाओं के बीच एक सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में रीना त्रिपाठी ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि पीड़ित की चिकित्सा सेवा कर उन्हें स्वस्थ करना सर्वोत्तम मानव धर्म है, इसी धर्म का पालन करने के कारण चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ प्रकाश चंद्र शाही, डॉ नदीम अरशद, डॉ आर पी शुक्ला, डॉ घनश्याम सिंह, डॉ स्मिता जायसवाल,डॉ सच्चिदानंद गुप्ता, डॉ प्रभात कुमार अग्रवाल,डॉ आरपी त्रिपाठी, डॉ अमित कुमार पांडेय, डॉ सरिता अग्रवाल, डॉ कीर्ति अग्रवाल, डॉ अमित मित्तल, डॉ संतोष गुप्ता, डॉ बीबी आग्रहरी, डॉ राशिद हुसैन, डॉ मनोज मल्होत्रा, डॉ आशा सिंह, डॉ आरपी त्रिपाठी, डॉ किरण श्रीवास्तव समेत अन्य चिकित्सक व कॉलेज स्टॉफ मौजूद रहे।