उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी जिला से गीतांजलि श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाढ़ आने से पहले हमें कुछ तैयारियाँ करनी चाहिए। अपनी आवश्यक वस्तुओं को एक स्थान पर इकट्ठा करें और उन्हें उच्च स्थानों पर रखें जहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंच सकता है। अपना घर सुरक्षित रखना चाहिए। बिजली का मुख्य स्विच बंद कर देना चाहिए। यदि संभव हो तो पानी और गैस की लाइनें भी बंद कर देनी चाहिए। जरुरी कागजात ऊपर के कमरे में रखना चाहिए
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बाराबंकी में दो दिन बारिश व बूंदाबांदी के बाद मंगलवार की सुबह से पछुआ हवाओं के कारण गलन बढ़ गई है ।
जिले भर में शुक्रवार की भोर से ही कोहरा छाया रहा । दोपहर तक धूप नहीं निकली । कड़ाकेे की ठंड से बचने के लिए लोग अलाव व हीटर के सामने बैठे रहे । दिन में करीब 3:00 बजे अचानक धुंध और गहरा गई ।
बाराबंकी में बारिश के चलते अचानक बिजली गुल हो गई । पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी देर शाम तक फॉल्ट ढूंढ नहीं सके । बिजली न मिलने से 230 गांव की करीब डेढ़ लाख आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ा ।
कड़ाके की ठंड में राहगीरों और बेसहारा लोगों को खुले आसमान के नीचे रात ना गुजारनी पड़े इसके लिए हर साल शहर में तीन रेन बसेरे बनाए जाते हैं परंतु रेलवे स्टेशन पर बनने वाला रेन बसेरा अभी तक नहीं बन पाया है ।
अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम मध्य व पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की धीरे-धीरे गिरावट होने की संभावना है ।
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