इसको ऐसे भी कह सकते हैं कि मौसम में बदलाव, खान-पान में गड़बड़ी या फिर शारीरिक कमजोरी की वजह से भी वायरल बुखार होता है। वायरल बुखार हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक तंत्र को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाते हैं। आमतौर पर वायरल बुखार के लक्षण आम बुखार जैसे ही होते हैं लेकिन इसको उपेक्षा करने पर व्यक्ति की हालत काफी गंभीर हो सकती है।

अगर आप रोजाना सुबह गर्म पानी पीने की आदत डाल लें तो इससे आपके दांत लम्बे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं। गर्म पानी पीते समय इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि पानी का तापमान इतना रहे जिससे वो मसूड़ों और इनेमल (दांतों की ऊपरी परत) को नुकसान ना पहुंचाए।

सेंधे नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएं। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खांसी, विशेषकर बलगमी खांसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें।

दमे के रोगियों को तुलसी की 10 पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग 21 दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।

प्रदेश सरकार की ओर से व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग की ओर से संचालित रुदौली के दुल्लामऊ अमराई गांव स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण के लिए उपकरण और साज-सज्जा के लिए कुल 64 लाख रूपये का बजट जारी किया है।

नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

खाना खाने के बाद अगर आप पेट में ऐंठन या एसिडिटी महसूस कर रह हैं, तो पुदीने की पत्तियों का चबाने और इसके रस को पीने से मदद मिलती है। पुदीने के पाउडर को भी पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंजाइम्स पाचनतंत्र को मज़बूत बनाए रखते हैं। पुदीन की पत्तियों को चबाने से उल्टी और लो एपिटाइट की समस्या हल होने लगती है।

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुंह की अनेक बीमारियां और सूखी खांसी दूर होती है। साथ ही बैठी हुई आवाज खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

वायरल फीवर में दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करता है, इससे खाँसी-जुकाम एवं गले में दर्द जैसे लक्ष्णों में आराम मिलता है। एक कप पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और दो इलायची डाल लें और इसको पाँच मिनट तक उबाल लें। इसे छानकर गरम ही पिएँ।