घरों से जरूर भर का पैसा लेकर निकले अभ्यर्थियों के पास होटल में ठहरने और रेस्टोरेंट में खाने का नहीं था कोई विकल्प, कठिनाइयों की परवाह किए बगैर कोई बिना स्नान किए पेपर देने चला आया तो कोई भूखा प्यासा ही निकल पड़ा। दुर्गा सिंह अयोध्या मोबाइल वाणी।
घरों से जरूर भर का पैसा लेकर निकले अभ्यर्थियों के पास होटल में ठहरने और रेस्टोरेंट में खाने का नहीं था कोई विकल्प, कठिनाइयों की परवाह किए बगैर कोई बिना स्नान किए पेपर देने चला आया तो कोई भूखा प्यासा ही निकल पड़ा। दुर्गा सिंह अयोध्या मोबाइल वाणी।