हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। अगर आपके है कोई मज़ेदार चुटकुला तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
जैसा की आपको पता ही है की वसंत ऋतू को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और वसंत पंचमी का त्यौहार भी वसंत ऋतू में ही मनाया जाता है जी हां दोस्तों बसंत पंचमी मुख्य रूप से प्रकृति और भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ त्योहार है, जो बसंत के आने तथा ठंडी के जाने का संकेत देता है,जब फूलों पर बहार हो , जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं, खेतों में सरसों और आमों के पेड़ों पर बौर आने लगते हैं तब वसंत पंचमी का त्योहार आता है।बसंत उत्सव बसंत ऋतु की ताजगी एवं खूबसूरती का उत्सव होता है इसका आगमन सभी के मन में एक अलग ही तरह की सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। यह खुशियों के साथ-साथ शिक्षा, ज्ञान और समृद्धि का भी त्योहार है। इस दिन शहरों ,गांवों ,टोलो और कस्बों में सभी लोग खास कर नवयुवक और विद्यार्थीगण छोटे छोटे बच्चे माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.तो आइये हम सब भी इस खुशनुमा ऋतू और उत्सव का आनंद उठाये। साथियों आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।
बिजली ट्रांसफार्मरों पर मकङजाल की तरह लगा है उपभोक्ताओं के कनेक्शन के तार। शेखपुरा।। जिले में बिजली महकमा बिल की वसूली के लिए बङे पैमाने पर अभियान में जुटा हुआ है। लेकिन अपने संसाधनों को सुधारने के लिए कोई काम नहीं कर रहा है। स्थिति यह है कि जिले के कई स्थानों पर मकङजाल की तरह उपभोक्ताओं का कनेक्शन का तार ट्रांसफार्मरों पर लगा हुआ है। जिससे ट्रांसफार्मरों में बिजली के तारों के मकङजाल खतरे को दावत दे रहा है। जिससे अक्सर हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। जिले के कोयला, डीहकुसुम्भा, बुधौली बाजार सहित कई चौक चौराहों पर लगे ट्रांसफार्मर में झूलते तार से दूर्घटना की आशंका बनी रहती है। कुछ ट्रांसफार्मरों से जुड़े तार तो बिल्कुल जमीन पर लटक रहे हैं, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कई ट्रांसफार्मर जमीन से महज तीन से चार फिट की ही उंचाई पर रखे गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से किनारे पर जाली भी नहीं लगाया गया है। विभाग की इस लापरवाही के कारण आये दिन कई जगहों पर दूर्घटना घटित होते रहती है। बिजली विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई महीनों से पोल तार लगाने का काम चल रहा है। बाबजूद इस तरह से उलझे हुए तारों को नहीं हटाया जा रहा है। इस कारण शार्ट सर्किट से हमेशा आग लगने की संभावना बनी रहती है। उपभोक्ताओं की परेशानी यह है कि ट्रांसफार्मर पर लगे तारों के मकरजाल के कारण मिस्त्री किसी उपभोक्ता का तार जोड़ने जाते हैं तो दूसरे की लाइन खराब हो जाती है। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। हालांकि सभी पोलों पर सर्विस कनेक्शन के लिए बॉक्स लगा हुआ है फिर भी जिसको जहां मन होता है तार जोड़ लेता हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में पोलों और ट्रांसफार्मर पर मकरजाल अधिक है जिसे विभाग द्वारा नहीं हटाए जाने से परेशानी बढ़ती जा रही है। लोगों ने विभागीय अधिकारियों से ट्रांसफार्मर के पास जाली लगाने, तारों के मकरजाल को हटाने व तार को ऊंचा व सुरक्षित करने की मांग की है, ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके।
बाल श्रम रोकने में फेल विभाग, कागजों पर हो रही कार्रवाई शेखपुरा।। राज्य में बाल मजदूरी रोकने के लिए श्रम विभाग ने सभी प्रखंडों में पदस्थापित श्रम प्रवर्तन अधिकारीयों को वाहन सुविधा उपलब्ध कराकर बाल मजदूरी रोकने का निर्देश दिया है। बावजूद बाल मजदूरी को बड़े लोगों और माफियाओं ने किस प्रकार से अपना व्यापार बनाया है इसका नजारा क्षेत्र में इन दिनों आसानी से देखा जा सकता है। नन्हे-मुन्नो बालकों को चिमनी भट्ठों पर इंट उतारते,कबाड़ा खरीदने से लेकर सब्जी बेचते व किराना दुकान सहित कई शासकीय विद्यालयों एवं कार्यालयों में चाय पानी देते हुए भी आसानी से देखा जा सकता है, जिसके चलते नन्हे-मुन्नो बालकों का बाल्य जीवन नष्ट हो रहा है। वहीं जिले में बैठे जिम्मेदारों द्वारा बाल मजदूरी रोकने के लिए कागजी कार्रवाई की जाती है, जिसके चलते क्षेत्र में बाल श्रम बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को स्टेशन रोड में ट्रैक्टर से ईंट उतरते इन मजदूरों ने साफ तौर पर बताया कि उन्हें किसी ने आज तक नही रोका और वह रोज ट्रैक्टर से ईंट उतारने शहर आता है। उसने बताया कि उसका किसी भी स्कूल में नाम भी नही लिखाया गया है। आश्चर्य तो तब होता है जब श्रम विभाग जो बाल मजदूरी रोकने के लिए संकल्पित है ,उसके पास अधिकारी है ,गाड़ी है संसाधन है तब भी बाल मजदूरी यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जिले में निकम्मे अधिकारियों को देखने बाला कोई नही।श्रम बिभाग से अगर पूछा जाय की पिछले एक साल में कितने बाल मजदूर की बिमुक्त कराया गया है तो आंकड़ा हास्यास्पद होगा।
सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी कोई मज़ेदार कहानी है, तो रिकॉर्ड करें, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।