कैम्प लगाकर 186 बच्चों का किया गया हीमोग्लोबिन जांच। शेखपुरा।। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शेखपुरा अंतर्गत मध्य विद्यालय खखरा में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत T3 कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें 186 बच्चों का हीमोग्लोबिन की जांच की गई।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

शेखपुरा आगामी 1फरवरी से होने वाले इंटरमिडियट परीक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। परीक्षा को लेकर जिले में कुल 13 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें 7 परीक्षा केंद्र शेखपुरा जिला मुख्यालय और 6 परीक्षा केंद्र बरबीघा शहर में स्थापित किया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि 1 फरवरी से इंटर की परीक्षा आयोजित हो रही है जो 12 फरवरी तक चलेगी। जिसमें शेखपुरा के रामाधीन कॉलेज, संजय गांधी महिला कॉलेज, मुरलीधर मुरारका बालिका हाई स्कूल, डीएम हाई स्कूल, इस्लामिया हाई स्कूल, एस ए डी एन कॉन्वेंट स्कूल और अभ्यास मध्य स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जबकि बरबीघा में एस के आर कॉलेज, राज राजेश्वर हाई स्कूल,प्लस टू हाई स्कूल, ज्ञान निकेतन स्कूल, टाउन हाई स्कूल तथा तैलिक बालिका स्कूल को केंद्र बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में कुल 9 हजार 3 सौ 46 परीक्षार्थी हिस्सा लेंगे। सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में बैठने की पुख्ता व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि परीक्षा दो पालियों में ली जाएगी। परीक्षा के दिन सभी परीक्षा केंद्रों के आसपास 500 गज की दूरी तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगा। जबकि सभी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा के दौरान पुलिस गश्ती की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र में प्रवेश के पहले सभी परीक्षार्थियों की तलाशी ली जाएगी। जबकि परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के उद्देश्य से सीसीटीवी लगाने के साथ साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की व्यवस्था की गई है।

शेखपुरा।। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव के दिशा निर्देश के आलोक में शनिवार को राजकीय अभियत्रंण महाविद्यालय परिसर,शेखपुरा में भूकंप सूरक्षा सप्ताह कार्यक्रम के तहत एकदिवसीय व्याखान का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 15 से 21 जनवरी तक भूकंप सूरक्षा सप्ताह मनाये जाने का निर्णय संसुचित है। जहां शनिवार को आयोजित व्याखान का मुख्य विषय "बिहार की भूकंप संवेदनशीलता - पूर्व तैयारी एवं न्यूनीकरण"था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सौरभ कुमार भारती वरीय उप समाहर्ता-सह जिला आपदा प्रबंधन शाखा प्रभारी शेखपुरा, प्राचार्य ,राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय,शेखपुरा धर्मराज वरीय उपसमाहर्ता शेखपुरा द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से किया गया। उनके द्वारा बिहार में संभावित भूकंप के खतरे की चर्चा करते हुए भूकंप से सुरक्षा की तकनीक के बारे में छात्र को जानकारी दी गई । उन्होंने कहा कि आज के समय में न केवल आपदा के बाद राहत एवं पुनर्वास का कार्य जरूरी है बल्कि उससे भी ज्यादा आपदा के समय कैसे खुद को सुरक्षित रखे एवं इसे भी एक कदम पहले आम जन के क्षमतावर्धन के साथ ही जागरूकता उतना ही जरूरी है ताकि आपदा से संभावित खतरे को कम किया जा सके। भुकंप से बचाव के लिए भुकंप से पहले और भूकंप के समय पर हमे क्या करना चाहिए इसके सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी प्रदान की। उन्होने लोगों से अपने घर को भुकंपरोधी बनाने, भारी एवं शीशे का सामान निचले तल पर रखने, अपने आस-पास सुरक्षित स्थान पहचान कर लेने, बाहर जाने वाले रास्ते को बाधामुक्त रखने, हड़बड़ाकर नहीे भागने, मजबूत टेबल या पलंग के नीचे छिप जाने, कमरे के अदंरूनी कोने के पास रहने , यदि गाड़ी पर है तो सड़क के किनारे रूक जाने आदि संबंधी सुझाव दिया गया। साथ ही इनके द्वारा "झुको, ढको और पकड़ो "तकनीक पर विशेष चर्चा करके बताया गया कि अगर भुकंप आती है तो सबसे पहले किसी मजबूत टेबल या पलंग के नीचे छिपकर सिर को ढक ले और उस टेबल या पलंग को मजबूती से़ हाथो से पकड़ कर रूके रहे। वरीय उपसमाहर्ता श्री धर्मराज द्वारा भूकंप के खतरे को कम करने में एक अभियंता की क्या भूमिका हो सकती है उस पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।प्राचार्य महोदय द्वारा भी समय समय पर ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के महत्व पर चर्चा करते हुए कॉलेज के छात्रों को अपने देश एवं समाज को आपदा से सुरक्षित रखने में अपने अहम योगदान देने हेतु प्रेरित किया गया। उक्त कार्यक्रम मे राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय शेखपुरा के अन्य अध्यापकगण के साथ बड़ी संख्या में छात्र/छात्राएँ आदि उपस्थित थे।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

बिहार सरकार के द्वारा छात्र छात्राओं के लिये चलाये जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लोहान पंचायत के प्लस टू हाई स्कूल लोहान एवं एकाढ़ा गांव के प्लस टू हाई स्कूल के प्रांगण में शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशोर कुमार, अंचलाधिकारी हलेंद्र कुमार, लोहान पंचायत के मुखिया संजीव कुमार सिंह शामिल हुयें ! आगत अतिथि को स्कूल के प्रधानाध्यापक ने सम्मानित किया ! तत्पश्चात सभी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ! अंचलाधिकारी ने बच्चियों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य की जरूरत होती है ! उन्होंने अपने जीवन की कहानी को बताते हुए कहा की मैंने भी अपनी पढ़ाई के जीवन में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से ही प्रेरणा लेकर तैयारी कियें और सफलता अर्जित कियें ! कहा की आज के युवा मोबाइल में ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं जो कि गलत है, सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि सोशल मीडिया एक झूठी दुनिया है ! साथ हीं इन्होंने बच्चों को रूटिंग अनुसार योगा,पढ़ाई लिखाई खेलकूद करने को कहा ! प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में विस्तार से बताया,जिसमें स्टूडेंट को 4 लाख तक का रुपया उनके स्कूल के खाते में जाता है ! प्री - मैट्रिक स्कॉलरशिप,मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना,पोस्ट - मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना,मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना एवं अन्य योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया !

विद्यालयों में शिक्षा संवाद के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया जा रहा बल। शेखपुरा। मंगलवार को जिले के विभिन्न स्कूलों में जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 15 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। शिक्षा संवाद के पहले दिन वरीय उपसमाहर्ता डॉ अर्चना कुमारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा विभाग के द्वारा मुरलीधर मुरारका बालिका विद्यालय में शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

दोस्तों, भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट से यह पता चला कि वर्तमान में भारत के करीब 6.57 प्रतिशत गांवों में ही वरिष्ठ माध्यमिक कक्षा 11वीं और 12वीं यानी हायर एजुकेशन के लिए स्कूल हैं। देश के केवल 11 प्रतिशत गांवों में ही 9वीं और 10वीं की पढ़ाई के लिए हाई स्कूल हैं। यदि राज्यवार देखें तो आज भी देश के करीब 10 राज्य ऐसे हैं जहां 15 प्रतिशत से अधिक गांवों में कोई स्कूल नहीं है। शिक्षा में समानता का अधिकार बताने वाले देश के आंकड़े वास्तव में कुछ और ही बयान करते हैं और जहां एक तरफ शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति समाज की प्रगति का संकेत देती है, वहीं लड़कियों की लड़कों तुलना में कम संख्या हमारे समाज पर प्रश्न चिह्न भी लगाती है? वासतव में शायद आजाद देश की नारी शिक्षा के लिए अभी भी पूरी तरह से आजाद नहीं है। तब तक आप हमें बताइए कि * ------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने लाइन में खड़ी है ? * ------आपके हिसाब से लड़कियाँ की शिक्षा क्यों नहीं ले पा रहीं है ? लड़कियों की शिक्षा क्यों ज़रूरी है ? * ------साथ ही लड़कियाँ की शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ?

क्षेत्रिय विधायक विजय सम्राट के द्वारा वृहस्पतिवार को प्लस टू श्री कृष्ण उच्च माध्यमिक विद्यालय के किया औचक निरीक्षण. वही निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय विधायक विजय सम्राट ने प्लस टू उच्च विद्यालय में हो रहे शिक्षा जुड़े हो रहे निर्माण का भी औचक निरीक्षण किये साथ ही साथ रजिस्टर में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक के संख्या के बारे में जानकारी लिया गया साथ ही साथ विद्यालय में तीन बजे तक छात्र-छात्रा विद्यालय परिसर में नहीं रहने पर उपस्थित शिक्षकों को डांट फटकार लगाया गया.