समापन समारोह में विष्णु धाम मंदिर पहुंचे भवन निर्माण मंत्री ने मंदिर निर्माण के लिए दस लाख रुपए का दिया सहयोग। शेखपुरा ।। बरबीघा के सामस गांव स्थित प्रसिद्ध विष्णु धाम मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय महोत्सव सह देवोत्थान मेला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने विष्णु धाम के प्रति अपनी आस्था जताते हुए एमएलसी फंड से मंदिर के निर्माण में 10 लाख रुपए का सहयोग करने की घोषणा की है ।साथ ही उन्होंने शेखपुरा नगर के गिरिहिंडा पहाड़ पर अवस्थित बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर के निर्माण में भी 10 लाख रुपये से सहयोग की घोषणा की। इस मौके पर विधान पार्षद विजय कुमार सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस ख्याति प्राप्त विष्णु धाम मंदिर को देश के पर्यटक स्थल का दर्जा दिलाने में आ रही तकनीकी त्रुटियों को दूर करने और राज्य का पर्यटक क्षेत्र घोषित करवाने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल कर बात करेंगे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि मैं आज जो भी हूं वो बरबीघा की धरती का देन है। इस धरती से बचपन से ही लगाव रहा है और मरते दम तक इस धरती की मिट्टी से जुड़ा रहूंगा। इस मौके पर विष्णुधाम न्यास समिति के सचिव पूर्व मुखिया पंकज सिंह, सामस के उप मुखिया चमन सिंह, नगर परिषद बरबीघा के पूर्व सभापति अजय कुमार, चेवाड़ा नगर पंचायत के सभापति लट्टू यादव, शंभू यादव सहित अन्य मौजूद थे। बता दे की देवोत्थान एकादशी के दिन से विष्णु धाम महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में धार्मिक काम होते हैं। इसमें रासलीला का मंचन भी किया जाता है। कथावाचकों के द्वारा प्रवचन भी दिया जाता है। इस बीच कार्तिक पूर्णिमा के दिन महोत्सव का समापन होता है। महोत्सव के समापन के दिन कार्तिक पूर्णिमा होने की वजह से भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में रही और लोगों ने बड़ी संख्या में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की।

भारतीय परिवारों में और मंदिरो में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन था और है। इस पुरातन सैद्धान्तिक परम्परा को शायद हम भूल गये या उस प्राचीन विज्ञान के रहस्य को भौतिकवाद ने भुला दिया,अब शंख प्रदर्शनीय रह गया। अगर हम रोजाना शंख बजाते है,तो इससे हमें काफी लाभ हो सकता है। शंख बजाने से श्वांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे हमारी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है। शंख बजाने से झुर्रियों की परेशानी भी कम हो सकती है। जब हम शंख बजाते हैं,तो हमारे चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है,जिससे झुर्रियां घटती हैं। शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम होता है। रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे। शंख बजने से तनाव भी दूर हो जाते है, जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं, उनको शंख जरुर बजाना चाहिए। क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते है। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती है। जिन घरों में शंख बताया जाता है,वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है। शंख बजाने से दिल के दौरे से भी बच सकते है। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं होता है। शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोडऩे से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती है :- कुम्भक,रेचक,प्राणायाम। शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है। शंख बजाने से चेहरे,श्वसन प्रणाली,श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढ़िया एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है,उन्हें शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है,वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। यदि रोज शंख बजाया जाए तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है। शंख में कैल्शियम,गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखें पानी के सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।

चेवाड़ा नगर पंचायत में अक्षय नवमी का व्रत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.गौरतलब है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी के दिन श्रद्धालु कुमारी कन्या व महिलाओं ने स्नान ध्यान कर आँवले की वृक्ष की पूजा अर्चना कि जा रही. इस अवसर पर आंवले के वृक्ष के नीचे महिलाओं ने भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ की साथ ही लाल धागे को आंवले की वृक्ष में लपेटकर 108 वार परिक्रमा किया. उसके बाद कुमारी कन्या व सुहागिन महिलाओं ने ब्राह्मणों को कुष्मांड (भुआ) ,अन्न,फल, वस्त्र दान दिया.इस मौके पर आचार्य कैलाश पांडे ने बताया कि अक्षय नवमी इस बार दो बार मनाया जा रहा है मंगलवार को भी तथा बुधवार को भी उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने कुष्मांडक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्मांड की उत्पत्ति हुई. कुष्मांड का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. उन्होंने कहा कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर ग्रहण करने की भी परंपरा है .मुख्य रूप से यहां प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाया गया. इसके बाद प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं के बीच खीर बांटा गया . इस दिन व्रत के पुण्य से सुख, शांति, सद्भाव और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

बृहस्पतिवार को अंबेडकर भवन में पंचायत समिति को लेकर एक बैठक का किया जाएगा. इस बात की जानकारी देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि पंचायत समिति कि बैठक में बैठक में पीएम आवास,शिक्षा, विद्युत आपूर्ति, भूमि परिमार्जन, स्वास्थ्य समेत विकास योजनाओं पर चर्चा किया जाएगा. बैठक के दौरान प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत के पंचायत समिति एवं प्रखंड के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

डीएलएसए द्वारा मनाया गया संविधान दिवस,ली गई शपथ। शेखपुरा।। माननीय जिला जज दिग्विजय कुमार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार शेखपुरा द्वारा रविवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सितेश कुमार ने बताया कि रविवार को एडीआर भवन में जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष दिग्विजय कुमार ने सभी सम्मानित न्यायधीशों, न्यायालय कर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को राष्ट्र की एकता, अखण्डता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने के लिए शपथ दिलाई। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इस संविधान को अपनाया गया था। 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ पूर्ण रूप से लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान भारत को एक संप्रभु,समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक तथा समाजवादी गणराज्य घोषित करता है और सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता तथा समानता का अवसर प्रदान करता है। संविधान की यह भावना, हमारे देश की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब का विधिक दायित्व है कि संविधान के आत्मा के विपरीत कोई कार्य न करें। इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा नवोदय विद्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित कर वहां के शिक्षक एवं बच्चों को संविधान के प्रस्तावना का संकल्प दिलाया गया।

लोजपा के स्थापना दिवस पर पटना चलने का किया आह्वान। शेखपुरा।। पटना के बापू सभागार में प्रस्तावित लोक जनशक्ति पार्टी की 24वां स्थापना दिवस 28 नवम्बर को भव्य व सफलता पूर्वक मनाने को लेकर लोजपा नेता जोर शोर से लगे हुए हैं। इसको लेकर रविवार को लोजपा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली की अगुवाई में लोजपा नेता व कार्यकर्ता अभियान चलाकर प्रस्तावित स्थापना समारोह मे एकजूट कर पटना चलने के लिए कार्यकर्ता से अपील किया। उन्होंने कहा कि शेखपुरा विधानसभा से करीब 5 सौ कार्यकर्ता पटना जाएंगे, इसके लिए बस व चारपहिया वाहन का इंतजाम किया गया है। जो 28 नवम्बर को चेवाङा अंबेडकर चौक से सुबह 6 बजे और शेखपुरा स्टेशन रोड स्थित शौकत मंजिल से सुबह 6:15 में पटना के लिए रवाना होगा। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को लोजपा रामविलास की पार्टी के 23 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पटना के बाबू सभागार में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वे जिले से हजारों की संख्या में पार्टी के लोग शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन लोजपा के सुप्रीमों चिराग पासवान के नेतृत्व में होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी का संकल्प बिहार फस्ट बिहारी फस्ट है। इसी संकल्प के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए... CTA: सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

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देश में हर साल 26 नवम्बर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है ! यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। 26 नवंबर 1949 का दिन आजाद भारत के इतिहास का बड़ा ऐतिहासिक दिन था!

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