राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में
बिहार राज्य के सुपौल जिला के मरौना प्रखंड से महादेव यादव बता रहे है की अगर बेटी पैतृक संपत्ति में भी अपना दावा करती है, तो फिर ससुराल की संपत्ति का क्या होगा। शादी से पहले माता पिता ही उनकी सारू जरूरतों को पूरा करते है। अगर शादी के बार वो अपना हिस्सा पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेती है,तो इससे विवाद की स्तिथि बन सकती है
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सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू टमाटर की नर्सरी तैयार करने की विधि के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
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जी हाँ साथियों, शिक्षा का मानव जीवन में एक अलग महत्व है. शिक्षा ही एक मात्र ऐसा हथियार है जो न सिर्फ एक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है बल्कि समाज को एक सही रास्ता भी दिखाता है। शिक्षा से समाज में फैले अंधकार को मिटाया जा सकता है। शिक्षा हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है. हरेक वर्ग को शिक्षा के महत्व को समझाने के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।दुनिया भर में साक्षरता दर को बढ़ावा देने के उदेश्य से और सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में इस दिन को मनाने का पहल किया। इसके बाद 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है. तो साथियों, आइये हम सब मिलकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रण लें और इस पहल में अपना योगदान दें। आप सभी श्रोताओं को समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विश्व साक्षरता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा बाजरे की फसल में तना छेदक कीट से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .