बीते कई दिनों से मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों की दिनचर्या ही बदल दी है। सर्द हवाओं के साथ ठंढ कहर बढ़ता ही जा रहा है। सुबह में कोहरे की मार और दिनभर ठिठुरन से लोग बेहाल नजर आ रहे हैं। कोहरे व ठंढ के चलते लोगों की दिनचर्या के साथ-साथ यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रहा। कोहरे के साथ-साथ ठंढ में अचानक वृद्धि से बच्चे व बूढ़े पर सबसे अधिक आफत आ गई है। वहीं कोहरा एवं ठंढ के चलते सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं। सूर्यदेव के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। अगर कभी निकलते भी हैं तो अधिक देर तक वह दिख नहीं पाते हैं। अपनी तपिश से लोगों का पसीना छुड़ानेवाले भी ठंड के सामने लाचार व बेवस नजर आ रहे हैं। सूर्यदेव की चमक के साथ-साथ तपिश भी गायब है। बाज़ारों में ख़ामोशी छा गई है। सुबह जहां देर से दुकानें खुलती हैं। वहीं शाम होते ही लोगों की आवाजाही कम हो जाती है। ग्रामीण इलाकों में भी लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल गई है। ठंढ से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।