सवाल है कि जिस कानून को इतने जल्दबाजी में लाया जा रहा हैं उसके लागू करने के लिए पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की गई, या फिर यह केवल आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।
गठबंधन द्वारा बैन किये जाने के बाद के सबसे पहला विरोध इन एंकरों की तरफ से आया ‘जिन्होंने नाखून कटाकर शहीद होने की घोषणा कर दी’, खुद पर लगाए बैन को आपातकाल घोषित कर पत्रकारिता पर हमला तक करार दे दिया। जिन 14 एकंरों पर बैन लगा उनमें से ज्यादातर ने बैन वाले दिन भी अपने प्रोग्राम किये, और अपने प्रोग्राम में विपक्ष द्वारा लगाए गये बैन को गलत बताया लेकिन उनमें से किसी एक ने भी यह बताने कि हिम्मत नहीं कि बैन लगाए जाने के पीछे का कारण क्या है? जबकि दर्शकों को यह बात सबसे पहले बताई जानी चाहिए थी जबकि यह पेशगत ईमानदारी से जुड़ा मसला है।
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दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकला है माधोपुर के प्रसिद्ध साधु भीखम बाबा का एक मज़ेदार किस्सा। ये किस्सा सुना रहे है माधोपुर, बिहार के बद्री दास जी। साहेबान, अगर आप भी ऐसी ही कोई मज़ेदार कहानी या किस्सा जानते है तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें। इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के लोकगीत और लोक कथाएं, फोन में नम्बर 3 दबाकर।
1947 में जब भारत को आजादी मिली तब सबसे पहला सवाल यही था कि देश का नाम क्या होगा? इसके लिए संविधान सभा ने गहन विचार-विमर्श किया, इस पर कई अलग-अलग बहसें हुईं, कई नामों के प्रस्ताव आए, वोटिंग कराई गई। इस सब के बाद इसका नाम भारत और इंडिया माना गया, उसके बाद देश को नाम मिला ‘India that is Bharat’ इस बात को संविधान के पहले अनुच्छेद में ही स्पस्ट कर दिया गया कि जो इंडिया है वही भारत है। हमारे पूर्वज देश का नाम चुनने को लेकर इतनी मेहनत पहले ही कर चुके हैं, तब 75 साल से ज्यादा के बाद नाम बदलने का फैसला करना या फिर उसके बारे में सोचना कितना सही है।
Transcript Unavailable.
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बीते अगस्त की आखिरी शाम को खबर आई कि सरकार सितंबर महीने की 18-22 तारीख को संसद के विशेष सत्र का आयोजन करेगी, संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की, लेकिन इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है वह नहीं बताया। विशेष सत्र के आयोजन की खबर के बाद से मीडिया से लेकर राजनीति के हर हल्के में कानाफूसी है कि सरकार ये कर सकती है, वो कर सकती है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है कि सरकार क्या करने जा रही है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीतदास साहू सरगुजा खेती के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
दोस्तों, आज झुमरू के झोले से निकली है सात भाईयों और एक राक्षस की मज़ेदार कहानी. भाईयों ने कैसे उस राक्षस से अपनी बहन की रक्षा की, ये बता रही है सिवान जिले के लहेजी गांव की चिन्मय कुमारी. और हां, अगर आप भी ऐसी कोई कहानी जानते है तो उसे मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड करें. इसके अलावा, आप रिकॉर्ड कर सकते है अपने क्षेत्र के लोकगीत और कथाएं.. फोन में नम्बर 3 दबाकर.