बिहार राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला से अरमान के द्वारा कहानी की प्रस्तुति की गई

मुकेश कुमार/पुरैनीया से प्यासे कौवा और घडा़ की कविता सूने

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मेरा नाम अफसाना खातून है । मेरा गाँव आर्यनगर मै एक कविता सुनना चाहता हूँ । देश की मिट्टी , देश की ज़रूरतें , देश का फल , देश के सदस्य , पुरुष , देश के घर और देश के साथ देश ।

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हम छोटे थे कविता सुनाया गया बच्चों के द्वारा

मेरा नाम सुशील कुमार है । मैं सिक्काब्या से बात कर रहा हूँ । मैं एक कहानी सुनने जा रहा हूँ । मछली पानी की रानी है । जीवन उसका जल है । अपने हाथों को डर में रखें । उन्हें बाहर ले जाओ और मर जाओ ।

सुशील के द्वारा मोटू सेट कविता सुनाया गया

मेरा नाम अमित कुमार है मेरे गाँव का नाम आर्य लोवा है । देश की विनम्र हरियाली कालीन पर एक ही रंग है , चाहे वे कई हों , बेलाभी , शम्पाच , मेली , चायरे , फूलुडे , माल , बेला , गुलाबी , चम्पा , मेली , चारे , मीठे , फूलों वाले , माला वाले , एक कोयल । प्यारी पछे के पेट जा राही तारगा और ब्लॉग महर के रसोइये गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्ण कावेरी जाकमी द्वितीय मछली हैं ।

हैलो अमित कुर , मैं गाँव का नाम आर्यनगर कविता सुना रहा हूँ । बेला गुलाब जूई चंपा चने ली पारा पेरे फूल गुडेमाला इस देश के लोगों द्वारा आनंदित सबसे लोकप्रिय फूलों में से एक है । चंपच में तारेपुर फूलबुदेमाला एक तराना बुलुल राग मोहर है जो कोयल के कुक प्यारी पापिया की धुन पर गाती है ।