भूमि पर महिलाओं का अधिकार बहुत कम रहा है, पहले कुछ भी नहीं था। महिलाओं के अधिकारों को धीरे-धीरे सरकार के कानून के तहत लाया गया जिसमें कुछ समाज को पता नहीं था कि महिलाएं अब हर तरफ कुछ न कुछ देखा जा रहा है कि महिला के नाम को भी जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल रहा है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों में यह बहुत देखा जाता है कि लोग महिलाओं को नहीं समझते हैं। आज भी उन्हें डर है कि अगर महिलाओं के नाम का इस्तेमाल किया जाए।