मनरेगा के तहत गाँवों में मजदूरों को होने वाली समस्याएं हर गाँव में देखी जा रही हैं। जितनी कच्ची सड़कें हैं, कोई नया काम नहीं किया जा रहा है, ताकि मनरेगा श्रमिकों को साल में सौ दिन काम मिल सके। मजदूर अपनी आँखें बंद करके बैठे हैं जो इस टंकी का पाइप बिछाने के लिए जल निगम द्वारा हर गाँव में टंकी लगा रहे हैं। पाइपों की खुदाई और बिछाने के कारण सभी चक्कर और गली गड्ढों से मुक्त हो गए हैं।