उत्तर प्रदेश राज्य के जिला सिद्धार्थनगर से राहुल मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि ऐसा कहा जाता है कि सच्ची लगन हो कुछ कर गुजरने की तो कुछ असंभव नहीं है कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भनवापुर ग्राम क्षेत्र की उर्मिला ने। बता रहे है कि उन्होंने बीते दिनों शिक्षा संस्था के माध्यम से अनेक लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया है जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। सिद्धार्थनगर के भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र के नदी के तट पर स्थित गाँव में ज्वालाप्रशाद के तीन बेटियों में सबसे छोटी बेटी उर्मिला की बचपन से ही चाहत थी की वो कुछ अलग करे। यह चाहत परिवार की स्थिति दयनीय होने के बाद भी कम नहीं हुई। ज्वालाप्रशाद ने अपनी तीन बेटियों की शादी कर दी जिसके बाद उन्हें उर्मिला की शादी की चिंता सता रही थी। यह देखते हुए उर्मिला ने अपने पिता से कहा कि आपने पहले ही अपनी तीन बेटियों की शादी करवा दी है ,अब मै इसी घर में रह कर बेटा के रूप में घर सम्भालूंगी। उर्मिला के इस निर्णय के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की फिर घर से 16 किलोमीटर दूर एक कॉलेज में शिक्षिका के रूप में कार्य करने लगी और अपने घर का पालन पोषण करने लगी। साईकिल से 32 किलोमीटर आना जाना एक महिला के लिए खुद में मिसाल था। उर्मिला ने धीरे धीरे बच्चों को घर पर ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया।