सिसवन सिवान।सिसवन प्रखंड के साईपुर गाँव के समीप श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर में आयोजित श्री विष्णु महायज्ञ में कथावाचक द्वारा श्री राम के चरित्र के वर्णन किया गया। इस संबंध में यज्ञकर्ता साहिब दरबार के पीठाधिपति पूज्य सरकार जी द्वारा जानकारी दी गई ।उन्हों ने बताया कि कथा वाचक ने श्री रामचरित मानस की कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथावाचक पंडित अनुराग कृष्ण शास्त्री ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम में हिमांशु पाण्डेय ने क्षे्त्रीय संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया। श्री राम विवाह के दौरान डॉक्टर अशोक पांडे के नेतृत्व में मनमोहक झांकी भी निकल गई। कथा की समाप्ति के बाद मुख्य रूप से इस दौरान पुजारी जगतनारायण दास ,संतोष कुमार द्विवेदी, डॉ संजीव कुमार सिंह,श्रीनिवास सिंह उर्फ मोहन जी, संजय सिंह, अभय बाबा, मुन्ना बाबा, आशुतोष सिंह यदि द्वारा आरती की गई।