राम जन्म होते ही श्रीराम के जयकारों से गूंजा पंडाल साईपुर में चल रहे विष्णु महायज्ञ के छठे दिन राम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक पंडित अनुराग कृष्ण ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। उन्होंने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस दौरान भव्य झांकी भी निकल गई झांकी में राम, सीता,लक्ष्मण सहित कई ऋषि मुनियो के रूप में डॉक्टर अशोक पाण्डेय सहित बाल कलाकार दिखे।साहिब दरबार के पीठाधिपति पूज्य सरकार जी के सानिध्य में आयोजित श्री विष्णु महायज्ञ में दान कर्ता के रूप में पहुंचे राष्ट्रीय एथलीट विकास सिंह ने सनातन धर्म को सभी धर्मो से उत्तम बताते हुए कहा कि सनातन धर्म सभी को आपस में प्रेम करना सीखना है।इसके पहले उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे कथा वाचक सहित पूरे मंडली को विशिष्ट उपहार देकर सम्मानित किया।