सिवान व्यवहार न्यायालय के सभी अधिवक्ता सोमवार 22 जनवरी को न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखेंगे। इस प्रकार का निर्णय अधिवक्ता संघ के निगरानी समिति द्वारा एकमत से लिए गये निर्णय के आलोक में संघ के संयुक्त सचिव मोकलीमुल्लाह ने पत्र प्रेषित कर सबको अवगत कराया है। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में अधिवक्ता संघ भवन में निगरानी समिति व अन्य अधिवक्ता की बैठक आहूत की गयी। बैठक में रामलला प्राणप्रतिष्ठा के निमित्त पूरे देश भर में किया जा रहे हैं। पूजा- अर्चना को देखते हुए निर्णय लिया गया कि प्रथम पहर में रामलला के प्राणप्रतिष्ठा अयोध्या राम जन्म भूमि के पावन मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वैदिक मंत्रोचार के बीच की जायेगी। इस अवसर पर प्रत्येक घरों में भी साफ सफाई पूजा आदि बहुजन समाज करेंगे। ऐसी स्थिति में न्यायिक कार्य का संपादन करना भी अधिवक्ताओं के लिए मुश्किल होगा। इसलिए अधिवक्ताओं ने निगरानी समिति एवं संयुक्त सचिव को सुझाव दिया कि सामूहिक रूप से न्यायिक कार्य से अलग रखा जाय। वैसे भी बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति को पत्र लिखकर 22 जनवरी को अवकाश के लिए निवेदन किया गया है।