गुरु द्रोणाचार्य के आश्रम जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर दरौली प्रखंड के एक गांव डोन में है।द्रोणाचार्य के आश्रम के अलावा यह स्थल महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। इस जगह के नाम मुगल शासक दारा सिंह पोहा के नाम पर पड़ा है। ऐसा मानता है कि भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार भी यहां हुआ था। यहां के लोगों का मानना है कि यहां का किला मुगल काल का अवशेष है।