हुसैनगंज प्रखंड स्थित पीएचसी में गुरुवार को अस्पताल कर्मियों एवं चिकित्सकों प्रभारी चिकित्साधिकारी अंशु अंकित के नेतृत्व में मृत्यु के बाद अंग दान करने का शपथ लिया गया। हालांकि इस मौके पर सभी कर्मी एवं गार्ड उपस्थित रहे। अस्पताल कर्मियों ने अन्य लोगों को अंगदान के लिए जागरूक किया। वहीं चिकित्सक प्रभारी ने बताया कि मरने के बाद भी अंगदान किए जा सकते हैं। अंगदान के लिए शपथ लेने की प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है। प्रत्येक वर्ष देश में कई लोग अंग न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं। जहां व्यक्ति की मृत्यु दो तरह से होती है। एक ब्रेन डेथ तो दूसरी कार्डियक डेथ। ब्रेन डेथ के तहत मरीज के दिमाग के सभी फंक्शन काम करना बंद कर देते हैं। यह मरीज पूरी तरह वेंटिलेटर पर निर्भर रहता है जहां उसे आर्टिफिशियल तरीके से आक्सीजन उपलब्ध करवाई जाती है और उसके शरीर के बाकी अंग काम कर रहे होते हैं। अधिकतर हेड इंजरी और ब्रेन ट्यूमर के मरीजों के साथ यह स्थिति बनती है। इस स्थिति में मरीज के सभी अंग दान किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ कार्डियक डेथ में हाट पंप करना बंद कर देता है। शरीर में रक्त संचार होना बंद हो जाता है और शरीर के आर्गन भी करना बंद कर देते हैं।इस मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक एसरारूल हक़, लेखापाल कृपा शंकर, अमितेश श्रीवास्तव,रंजीत कुमार,मोनी कुमारी, लीलावती कुमारी, अमित पाठक, सत्येन्द्र पाण्डेय,आशा कुमारी, बीसीएम सिंधु कुमारी उपस्थित रहीं।