एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के हमीपुर जिला से सैयद अज़हर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, राजीव की डायरी कार्यक्रम गरीब जनता के अहम मुद्दे को आगे बढ़ाने का एक जरिया बन गई है। महंगाई की मार ने किसी भी घर को नहीं छोड़ा है, अगर किसी के घर में फल दिख जाता है, इसका मतलब ये है की उसके घर में जरूर कोई बीमार व्यक्ति होगा जिसके लिए ये फल ख़रीदे गए है। गरीब जनता महंगे फल को दूर से देख कर ही संतुस्टी कर लेती है। आज मौसमी का जूस 40 रुपय और अनार का जूस 60 रुपय में मिल रहा है, अगर फलो के नाम पर कुछ सस्ता दीखता है तो वो है केला, आम जनता इसे ही खा कर अपने आप को बलवान होने का फ़र्ज़ी एहसास कर रही है। हलाकि सरकार ने गैस सिलेंडर के दाम में 200 रुपय कम किया है, इससे गरीब जनता को जरूर राहत मिलेगा।
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