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हमीरपुर। राजकीय महिला महाविद्यालय हमीरपुर में उत्तर प्रदेश मिलेटस पुनरोद्वार योजनान्तर्गत मिलेट्स (श्रीअन्न) रेसीपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम एवं स्कूल कैरीकुलम के माध्यम से शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्वालन कर किया गया। जिलाधिकारी श्री पाण्डेय ने कहा कि श्रीअन्न का सेवन हमारी परम्परा में रहा है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पुनः श्रीअन्न के महत्व को पहचानते हुये उपयोग करने की जरूरत है, उन्होने यह भी कहा कि सभी बच्चे अपने अपने घरो में श्रीअन्न का प्रयोग करें। साथ ही होटल, रेस्टोरेन्ट व्यवसायी भी श्रीअन्न के व्यंजन को तैयार करें जिससे श्रीअन्न के बारे में आम जनमानस जागरूक हो सके। मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ला द्वारा मेले में लगे स्टालों का निरीक्षण कर प्रशिक्षाणार्थियों को श्रीअन्न के बारे में जानकारी दी। उप कृषि निदेशक ने सभी शिक्षकगणो से अपील की वह सभी स्कूल मे बच्चो को श्रीअन्न के महत्व के बारे में बताये जिससे उनके अभिवावक भी श्रीअन्न के उत्पादन एवं उपभोग को प्रेरित हो सकें। इस अवसर पर वैज्ञानिक डा.एसपी सोमवंशी, सस्य वैज्ञानिक डा. शालिनी, प्रगतिशील कृषक राजेन्द्र सिंह बन्धौली, वैज्ञानिक डा. फूल कुमारी, प्रगतिशील कृषक बलराम दादी, डा. देव सिंह आदि ने श्रीअन्न के फायदे व उत्पादन की जानकारी देते हुए कहा कि आज के युग में स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वयं और दूसरों को भी जागरूक करें ।
हमीरपुर। अपने अधिकारो को समझें। पढ़ना लिखना सीखें। अपने जिंदगी को गढ़ने के लिए कदम बढ़ाएं। शिक्षा में उनकी आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए वह हर संभव मदद करेंगे। उक्त बातें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित ने किशोरियों और महिलाओं में स्वास्थ्य जेंडर न्याय पर समझ बनाने और गतिशीलता को बढ़ाने के लिए आयोजित प्रशिक्षण होटल कान्हाधाम में कहीं। उन्होंने कहा लड़कियों की शिक्षा प्राप्त करने में अड़चने आती हैं। हमें इनका डटकर मुकाबला करना है। कहा उनकी पढ़ाई में ऐसी किसी भी प्रकार की रुकावट आती है, तो वह उनकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गहरौली में संचालित डिग्री कॉलेज में यदि दाखिला लेती है। तो उन्हें शिक्षण शुल्क में विशेष छूट दी जाएगी। इसके अलावा यदि किन्हीं परिस्थितियों बस लड़कियां नहीं पढ़ पा रही हैं। वह उन्हें अवगत कराएं। वह निराकरण के लिए हर कदम उनके साथ हैं। कहा पढ़ना लिखना जिंदगी का एक अहम मकसद होना चाहिए। इस अवसर पर सहयोग संस्था लखनऊ की आराधना सिंह ने बताया कि लड़कियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण में लड़कियों को जेंडर स्वास्थ्य और गतिशीलता बढ़ाने के लिए समझ बनाई जा रही है। इस दौरान किशोरियों द्वारा अपनी पढ़ाई, स्वास्थ्य संबंधी समझ को रखा। इस दौरान समर्थ फाउंडेशन की कुमकुम ने बताया किशोरियों को जीवन कौशल विकास संबंधी जानकारी दी। उन्होंने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया गया।
हमीरपुर। मझगंवा थानाक्षेत्र के लिधौरा गांव में जमीनी विवाद न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद विपक्षी द्वारा जबरन कब्जा करने से आहत पीड़ित युवक ने डीएम को पत्र सौंप न्याय की गुहार लगाई है। थाना मझगवां क्षेत्र के ग्राम लिधौरा निवासी शिवराज सिंह पुत्र प्राग सिंह ने मंगलवार को पत्र में बताया कि उसके पिता की पुश्तैनी जनीन में विपक्षी बलजीत सिंह आदि के विरूद्ध सिविल जज / जूडि सन 1996 में मुकदमा दायर किया था। जो न्यायालय द्वारा 29 अगस्त 1998 को वादी प्राग सिंह के हक में पारित कर दी थी। प्राग सिंह की मृत्यु के बाद शिवराज सिंह उस जमीन काबिज हुआ। वर्ष 2020 में बीरपाल उर्फ वीर सिंह एवं लक्ष्मीराम उर्फ लक्षी पुत्र रमोले द्वारा अवैध रूप से जबरन कब्जा कर मकान बनाने की धमकी दी। इस पर शिवराज ने न्यायालय सिविल जज सीडि में मुकदमा दायर किया। जो अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। बीते 27 अगस्त को उन लोगों द्वारा राजस्व टीम को गुमराह कर गलत तरीके से कब्जा करने के लिए पीड़ित द्वारा तीन साल पूर्व रोपित आन व महुआ सहित अन्य के 31 पेड़ काट डाले। जिससे उसका लगभग 30 हजार का नुकसान हुआ है। पीड़ित ने डीएम से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
हमीरपुर। धान की फसल में कीड़ा लगने से किसान परेशान हैं। इसके पीछे किसान इस बार बारिश कम होना मुख्य कारण मान रहे हैं। इनका कहना है कि अगर समय से उपचार नहीं किया गया तो उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। पिछले कुछ सालों से किसानों ने जिले में धान की फसल लेनी शुरू की है। धान की उपज से किसानों को मोटा मुनाफा मिल रहा था। इस बार धान की फसल कीड़ा के प्रकोप से नहीं उबर पा रही है। धान की फसल में पौधे के ऊपरी भाग में पत्ती के आसपास कीड़ा लगने से किसान परेशान हैं। यह पहले पत्ती खाता है। इसके बाद बाली की जगह पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है। इससे पौधा बेकार हो जाता है। उत्पादन गिर जाता है। किसानों को कहना है कि इस बार धान में यह तीसरी बार दवा का छिड़काव करना पड़ा रहा है। इससे उनकी लागत बढ़ रही है। जिला कृषि अधिकारी डॉ.हरिशंकर ने बताया कि इस समय कहीं-कहीं धान की फसल में पत्ती के आसपास कीड़ा देखने को मिल रहा है। यहां अंडे देता है। इसके पौधे को काटने लगते हैं। इसके बाद यह गिडार सूड़ी का रूप लेकर धान के पौधे को काटने लगते हैं। इसकी वजह से पत्ती के साथ तना कमजोर हो जाता है। पौधा सूख जाता है।
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