भारी-भरकम जिला अस्पताल में आग की विभीषिका से निपटने के कोई इंतजाम नहीं है। हालत यह है कि अस्पताल में कोई आपात स्थिति उत्पन्न हो जाए तो मरीजों और तीमारदारों को इमरजेंसी डोर या विंडों से निकाले जाने के संकेतक तक नहीं लगे हैं। जिला अस्पताल में केवल 27 फायर सिलेंडर उपलब्ध हैं, जो चलेंगे या नहीं, कहा नहीं जा सकता है। प्रतिदिन ओपीडी में सैकड़ों की संख्या में मरीजों की आवाजाही होती है, जो साढ़े तीन फीट चौड़ी सीढ़ी से ही आते-जाते हैं। भीड़ अधिक होने पर उतरने-चढ़ने में भी दिक्कत होती है..