भरुआ सुमेरपुर। तीन दिन तक लोक संस्कृति की धूम मचाने के बाद बुधवार रात में कस्बे के ऐतिहासिक तीजा महोत्सव का समापन हो गया। महोत्सव की आखिरी रात में पशु बाजार मेला मैदान में झांसी के कलाकारों ने अमर प्रेम कहानी समशा फिरोज नाटक का शानदार अभिनय करके जमकर वाहवाही लूटी। अरबी कहानी पर आधारित इस नाटक को दर्शकों ने खूब सराहा। कस्बे का ऐतिहासिक तीजा महोत्सव कई तरह की लोक संस्कृति के लिए मशहूर है। बुंदेली संस्कृति से ओतप्रोत इस ऐतिहासिक महोत्सव में धर्म का भी पुट रहता है। श्री कृष्ण भगवान की बाल लीलाओं से जुड़ा यह महोत्सव प्रतिवर्ष अपनी अलग छाप छोड़ता है। बुधवार की रात पशु बाजार मेला मैदान में झांसी से आए मास्टर इसरार कंपनी के कलाकारों ने अरबी कहानी पर आधारित समशा फिरोज नाटक का सफल मंचन किया। कलाकारों के जीवंत भूमिका को देखकर दर्शकों ने उनकी कला की भूरि भूरि प्रशंसा की। इसी कार्यक्रम के साथ तीन दिन तक चले इस ऐतिहासिक महोत्सव का समापन हो गया। महोत्सव में कबीरी, बुंदेली कला के साथ झांसी के कलाकारों की धूम मची रही। वहीं कृष्ण लीला के साथ रामलीला मंचन ने लोगों को धर्म के प्रति जागरूक किया।