उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बाँदा से वक़ार अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं पर बहुत अत्याचार होता। उनको हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाना चाहिए। परिवार के लोग ही महिलाओं को अपनी आवाज उठाने नहीं देते है , उन्हें डराते है की लोग क्या कहेंगे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बाँदा से इमरान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को हिंसा के विरुद्ध आवाज उठाना चाहिए। महिलाएं शिक्षित होने के बाद भी घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं क्योंकि वे चुप रहती है। हर दिन पुलिस स्टेशन में ऐसी कई घटनाएं दर्ज की जाती हैं , कई घटनाएं बिल्कुल भी दर्ज नहीं की जाती हैं , चिल्लाने से समाज के लोग क्या कहेंगे , लोग क्या सोचेंगे , समाज क्या कहेगा , महिलाओं को रोका जाता है । उन्हें बर्दाश्त करने के लिए कहा जाता है । सब ठीक हो जाएगा भगवान सब ठीक कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है महिलाओं को एकजुट होना चाहिए और अपनी आवाज उठानी चाहिए
महुआ ब्लाक के कोलावल रायपुर गांव में विद्याधाम समिति के बैनर तले चिंगारी संगठन का दो दिवसीय ग्राम पुर्नरचना चिंतन शिविर में श्री डोगरा जी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन हो पाना पलायन का मुख्य कारण बन रहा है। उन्होंने मनरेगा, आवास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि हम दूसरों से योजनाओं का लाभ मांगते हैं। मांगने से भीख मिलती है अधिकार नहीं। नशा आज की पीढ़ी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी नशे की तल से अछूती नहीं हैं। इसे समाप्त किए बगैर किसी समाज या गांव का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने गांवों में ‘नशा विरोधी समिति’ बनाकर नशा मुक्त बनाएं। दूसरे सत्र में ग्राम सह बैठक का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं के गांव वार गु्रप बनाकर समस्याओं को चिन्हित किया गया। वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल भाई ने सामूहिक चर्चा करते हुए समस्याओं के समाधान बताए। उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था गांव विकास में सबसे बड़ा बाधक है। भेदभाव को खत्म करके एक साथ संगठन जुडे़ं और इसे मजबूत बनाएं। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव लोचन ने कहा कि बैंक गांव की पुर्नरचना में आधार भूमिका है। वित्तीय असमानता को समाप्त करके ग्रामीण विकास की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। इसके पूर्व मुख्य अतिथियों द्वारा वृक्ष पूजन किया गया। दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। समिति कार्यकर्ताओं और संगीत वादक लल्लूराम शुक्ल ने प्रेरक गीत से महिलाओं में जोश भरा। संचालन समिति मंत्री राजाभइया ने किया। कार्यक्रम में अवधेश द्विवेदी, योगेंद्र पांडेय, उत्कर्ष द्विवेदी (श्रमिक भारती), रामकरन यादव, ग्राम प्रधान राममनोहर यादव, मुबीना खान, अर्चना, शशि, कुबेर सिंह, शिवकुमार गर्ग, मुस्तफा अली, माया श्रीवास्तव, प्रिया, रीना, वालिंटियर मुबीन, सुनैना, जितेंद्र, सागर, ममता, उर्मिला, निर्मला सहित भुजियारी पुरवा, अतर्रा ग्रामीण, भज्जू पुरवा, बाबूपुर, नौगवां, गुढ़ा, कालिंजर, नींबी, बंजारा, मसुरी खेरवा, घसरौंट, राजाराम पुरवा की महिलाएं उपस्थित रहीं।
आज की कड़ी में हम सुनेंगे डिजिटल पेमेंट से जुड़ी बातें। आप डिजिटल पेमेंट का उपयोग करते हैं या नहीं और आपको ऐप से पैसों का लेन देन करना कैसा लगता है ? हमारे साथ अपने अनुभव और विचार जरूर साझा करें
पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके
सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
जाने आज का बांदा का अनाज का मंडी भाव जो कुछ इस प्रकार से है।
जानें क्या है आज का फल मंडी भाव जो कुछ इस प्रकार से है।
जानें आज का बांदा सब्ज़ी मंडी भाव जो कुछ इस प्रकार से है।
अगर कोई चतरा आये और झारखण्ड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल इटखोरी के बारे में बात न करें , ऐसा तो हो ही नहीं सकता। तो हम भी यहाँ के दर्शन और इतिहास को खँगालने यहाँ आ पहुँचे। गौरवपूर्ण अतीत को संभाल कर रखने वाले इटखोरी के भद्रकाली में तीन धर्मों का समागम है। हिंदू, बौद्ध एवं जैन धर्म के लिए यह पावन भूमि है। ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को सुने ...
