मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां ,तो चलिए आज की कड़ी में सुनते हैं कि अगर घर में शराब या किसी तरह के नशे की वजह से लड़ाई झगड़े होते हैं तो आप क्या कर सकते हैं? साथ ही बताएं कि क्या आपके जीवन में कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है ? आपके हिसाब से इस तरह की परिस्थिति में अपने आपको तनाव मुक्त रखने के लिए क्या करना चाहिए ? और घर में नशे के कारन झगड़ों से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है और उन्हें इस तरह की परिस्थिति से दूर रखने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए ?साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani

वर्तमान समय में विश्व भर में तंबाकू की खपत जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखकर हैरानी होती है। तम्बाकू का न केवल शरीर और स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। तम्बाकू को मानव शरीर में होने वाली कई घातक बीमारियों का जनक भी कहा जा सकता है।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने के लिए हर साल एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना" है। तो साथियों आइये इस दिवस के अवसर पर हम सभी प्रण लें और विश्व को तम्बाकू के सेवन से मुक्त करने में अपना योगदान दें। धन्यवाद !!

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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महुआ ब्लाक के कोलावल रायपुर गांव में विद्याधाम समिति के बैनर तले चिंगारी संगठन का दो दिवसीय ग्राम पुर्नरचना चिंतन शिविर में श्री डोगरा जी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन हो पाना पलायन का मुख्य कारण बन रहा है। उन्होंने मनरेगा, आवास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि हम दूसरों से योजनाओं का लाभ मांगते हैं। मांगने से भीख मिलती है अधिकार नहीं। नशा आज की पीढ़ी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी नशे की तल से अछूती नहीं हैं। इसे समाप्त किए बगैर किसी समाज या गांव का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने गांवों में ‘नशा विरोधी समिति’ बनाकर नशा मुक्त बनाएं। दूसरे सत्र में ग्राम सह बैठक का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं के गांव वार गु्रप बनाकर समस्याओं को चिन्हित किया गया। वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल भाई ने सामूहिक चर्चा करते हुए समस्याओं के समाधान बताए। उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था गांव विकास में सबसे बड़ा बाधक है। भेदभाव को खत्म करके एक साथ संगठन जुडे़ं और इसे मजबूत बनाएं। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव लोचन ने कहा कि बैंक गांव की पुर्नरचना में आधार भूमिका है। वित्तीय असमानता को समाप्त करके ग्रामीण विकास की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। इसके पूर्व मुख्य अतिथियों द्वारा वृक्ष पूजन किया गया। दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। समिति कार्यकर्ताओं और संगीत वादक लल्लूराम शुक्ल ने प्रेरक गीत से महिलाओं में जोश भरा। संचालन समिति मंत्री राजाभइया ने किया। कार्यक्रम में अवधेश द्विवेदी, योगेंद्र पांडेय, उत्कर्ष द्विवेदी (श्रमिक भारती), रामकरन यादव, ग्राम प्रधान राममनोहर यादव, मुबीना खान, अर्चना, शशि, कुबेर सिंह, शिवकुमार गर्ग, मुस्तफा अली, माया श्रीवास्तव, प्रिया, रीना, वालिंटियर मुबीन, सुनैना, जितेंद्र, सागर, ममता, उर्मिला, निर्मला सहित भुजियारी पुरवा, अतर्रा ग्रामीण, भज्जू पुरवा, बाबूपुर, नौगवां, गुढ़ा, कालिंजर, नींबी, बंजारा, मसुरी खेरवा, घसरौंट, राजाराम पुरवा की महिलाएं उपस्थित रहीं।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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