*भंडारे में कस्बे समेत आसपास गांवों के भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया* बांदा -तिंदवारी- हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक काले शहीद बाबा प्रांगण में भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे की शुरुआत 51 कन्याओं को भोजन व उन्हें फल देकर विदाई के साथ हुई। आयोजक सहिंगा गांव निवासी रजनीश सिंह पटेल ने कन्याओं को 21-21 रूपये व फल देकर विदाई दी। इसके बाद देर शाम तक चले भंडारे में कस्बे समेत आस पास के श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान असगर अली, अनवर अली, अख्तर अली, सफीक शाह, अब्दुल वशीं, राज, (चश्मा वाले), रजनेश ऊर्फ पप्पू पटेल बिल्लू स्वीट हाउस आदि मौजूद रहे।
75 साल के बूढ़े की निकाली गई उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में एक अनोखा मामला देखने को मिला है, जहां पर एक 75 साल की बुजुर्ग की बारात निकाली गई, जहां पर बुजुर्ग की पहले बारात निकाली गई, फिर निकासी भी की गई इस शादी में लोग शामिल हुए, यह मामला सब लोगो ने सुना तो लोग भौचक्के रह गए। आपको बता दे कि यह पूरा मामला बांदा जनपद के नरैनी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत रिसौरा गांव से सामने आया है, जहां पर गाजे बाजे के साथ पहले बारात निकाली गई फिर उसके बाद सारे रीति रिवाजों को संपन्न किया गया, बारात ले जाने से पहले दूल्हे ने पगड़ी और जामा पहनकर गांव के मंदिरों में भगवानों की पूजा अर्चना भी की, वही गांव के सैकड़ों लोगों के साथ बारात जा रही थी, आस पड़ोस के लोगो जमकर डांस भी किया, बारात की निकासी होने से पहले दूल्हे का देवी पूजन और कार्यक्रम भी हो गया था, इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि अचानक दूल्हे राजा ने सभी को चौंका दिया, उसने सभी से यह कह दिया की बारात नही जायेगी क्योंकि उसकी दुल्हन ने अभी माना किया है, यह सुनकर लोग आश्चर्यचकित हो गए और अपने-अपने घर लौट गए। 20 साल पहले इनकी पत्नी की मौत हो गई थी, और इनके दो बेटे है जिनकी भी शादी हो चुकी है वही यह नाई का काम करते है बीते साल महोबा जनपद में एक बारात में उनकी मुलाकात एक महिला से हुई थी, जिससे शादी तय हुई किसी कारण से अभी उसने मना किया है बाद में कुछ लोगों को बारात में लेकर जायेगे फिर शादी करेंगे।
बांदा केंद्र सरकार ने जिले के शहरी गरीबों को पक्का मकान मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई है। जिसके तहत जनपद के हजारों परिवारों को पक्के आशियाने मुहैया हो चुके हैं जबकि हजारों अन्य परिवार भी उक्त योजना का लाभ हासिल करने की कवायद में जुटे हुए हैं। वहीं मौके का फायदा उठाने के उद्देश्य ऐसे बिचौलिया भी सक्रिय हैं। जो योजना का लाभ दिलाने की आड़ में आवेदकों से रकम ऐंठकर अपनी जेब भर रहे हैं। जिला डूडा अधिकारी राकेश कुमार जैन ने लाभार्थियों से कहा है कि वह ऐसे बिचौलियों से सावधान रहे। इस तरह का एक मामला शुक्रवार को उस समय आया जब शहर के खुटला रहूनियां मोहल्ले के निवासी दो लाभार्थी डूडा कार्यालय पहुंचे और आरोप लगाया कि उनसे विभाग के एक कर्मचारी ने पीएम आवास योजना की किस्त दिलाने के नाम पर रुपए की मांग की। जब इस बारे में आरोपित कर्मचारी से डूडा अधिकारी में बातचीत की तो उसमें अपने आप को निर्दाेष बताया और कहा कि अगर मैंने उनसे कोई पैसा मांगा है तो उसका साक्ष्य दिखाएं। साथ ही यह भी कहा कि उसने लाभार्थी से कहा था कि अगर उसका फाउंडेशन का काम पूरा हो गया है तो बता दें ताकि उसके आवास की जिओ टैगिंग कराई जा सके। इस संबंध में डूडा अधिकारी राकेश कुमार जैन ने बताया कि इन लाभार्थियों द्वारा विभाग के संदीप नामक व्यक्ति पर पैसा मांगने का आरोप लगाया गया था। तब मैंने लाभार्थी का स्टेटस कंप्यूटर में चेक किया जिसमें पाया गया कि एक लाभार्थी को पहली किस्त मिल चुकी है जिसके दूसरी किस्त के लिए जियो टैगिंग भी हो चुकी है और उसके खाते में पैसा भी भेज दिया गया है। जबकि दूसरे लाभार्थी के मकान के फाउंडेशन के बाद जियो टैगिंग होनी है। उन्होंने बताया कि कुछ लोग लाभार्थियों से इस समय अवैध वसूली कर रहे हैं। ऐसे बिचौलिया जिनका इस विभाग से कोई लेना देना नहीं है। वह लाभार्थियों का आधार कार्ड लेकर उनके यहां पहुंच जाते हैं। किस्त दिलाने का दावा करते हैं। जैसे ही उन्हें पता चलता है फला-फला व्यक्तियों किस्त आ गई तो वह फिर वहां जाते हैं और कहते हैं कि हमारे प्रयास सेतुम्हारे खाते में पैसा आ गया है। इसके बदले में उनसे अवैध धन की वसूली करते हैं। जिला डूडा अधिकारी ने कहा कि ऐसे तत्वों से लाभार्थी सावधान रहें। अगर कोई व्यक्ति जो उनसे धन की मांग करता है और अपने आप को डूडा विभाग का कर्मचारी बताता है। ऐसे लोगों का लाभार्थी वीडियो बना लें, आवाज को रिकॉर्ड कर ले। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर तत्काल मेरे द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे ही एक दलाल के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है।
जनपद में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के किये गये है पुख्ता इंतजाम । भारी संख्या में पुलिस बल को किया गया है तैनात । ड्रोन कैमरों से लगातार रखी जाएगी निगरानी । सादे वस्त्रों में भी तैनात रहेगें पुलिसकर्मी, इन्टेलीजेंस तथा स्थानीय अभिसूचना ईकाई को भी किया गया है सक्रिय । सोशल मीडिया सेल द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर 24 घण्टे की जा रही निगरानी।
वैसे तो भारत में सैकड़ों मंदिर है, जिनकी अलग अलग विशेषताएं और मान्यताएं हैं और श्रद्धालुओं की श्रद्धा भी इन मंदिरों पर रहती है, लेकिन बांदा की चोंटी में एक ऐसा मंदिर इस्थित है जिसमे आज भी हर अष्टमी को मां माया साक्षात प्रकट होती हैं जिससे प्रतिमा की चमक अचानक बढ़ जाती है, यह मंदिर बांदा जनपद के गिरवां स्थित का जिसे हम खत्री पहाड़ के नाम से जानते है, इस मंदिर में विराजी मां विंध्यवासिनी की आलौकिक छटा से समूचा क्षेत्र ही नहीं दूर दराज के लोग भी खिचे चले आते है, सफेद पहाड़ में विराजी मां की छटा ही अलौकिक नहीं है बल्कि इनके यहां विराजमान होने की कथा भी दिव्य है। बता दें कि बांदा जनपद से 21 किलोमीटर की दूरी पर गिरवां क्षेत्र में एक मंदिर बना है जिसमें मां विंध्यवासिनी एक पहाड़ पर विराजमान है, जिसका नाम है खत्री पहाड़, इस मंदिर का निर्माण 17 सितंबर 1974 को हुआ था, इस मंदिर में मंदिर स्थान पर जाने के लिए श्रद्धालुओं को 511 सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है,इस मंदिर में हर साल नवरात्र नवमी को विशाल मेला लगता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालू दूर-दूर से आते है। कहते है कि इस मंदिर में लोगों की मनोकामना पूरी होती है, लोगों की श्रद्धा से अपने आप में मिसाल है, इस मंदिर में मां विंध्यवासिनी के दर्शन करते ही मरीजों के रोग तक ठीक हो जाते है, खत्री-पहाड़ में मंदिर नीचे बना है व इसके बाद 511 सीढ़ी चढ़ने के बाद जब आप ऊपर जायेगे तब वहां पर पहाड़ का वो फटा हुआ हिस्सा भी मिलेगा जो की मां विन्ध्वासिनी के क्रोध का शिकार हुआ था, ऊपर भी एक मंदिर बना हुआ है, इस मंदिर में हर साल नवरात्र की अष्टमी को मंदिर का पट बंद रहता है, क्योंकि हर वर्ष इसी दिन मां विंध्यवासिनी इस स्थान पर आती है व विराजमान होती है। गिरवां क्षेत्र के लोग बताते है कि देवी का आगमन द्वापर युग से जुड़ा हुआ है, जब कंस को देवकी की आठवीं संतान के रूप में कन्या सौपी गई और जैसे ही कन्या को मारने के लिए कंस ने हवा में उछाला वैसे ही कन्या के रूप में देव माया आकाश में उड़ गई और कंस की मृत्यु की भविष्यवाणी करते हुए वहां से चल कर मां विध्यवासिनी जब गिरवां खत्री पहाड़ आई तो पर्वत ने उनका भार न सहन कर पाने की बात कही, जिस पर देवी ने क्रोध में पर्वत को कोढी होने का श्राप दे दिया, जब पर्वत ने क्षमा मांगी तो देवी ने कहा कि वह नवदुर्गों की अष्टमी को एक दिन के लिए पर्वत पर आती हैं, इसके बाद मां माया विंध्याचल पर्वत में विराजमान हो गईं तभी से उन्हे विंद्यवासनी देवी के नाम से जाना जाता है, यहीं कारण है कि अष्टमी के दिन पहाड़ के नीचे के मंदिर के पट बंद रहते है, मंदिर निर्माण को लेकर भी बड़ी ही रोचक कथा प्रचलन में है, कन्या पर सवार होकर गांव वालों से मंदिर निर्माण की बात कही, जिस पर गांव वालों ने मंदिर निर्माण कराया, गांव वाले बताते है कि देवी की मूर्ती को देखने से एक दिव्य प्रकाश की अनुभूति होती है, कई तरह के रोगी यहां आकर ठीक हो जाते है, आस पास के क्षेत्र के शादी शुदा जोड़े सबसे पहले यहीं आते है,मां विंध्यवासिनी अपने शांत रूप में यहां विद्यमान है। बताया जाता है की 17 सितंबर 1974 में इस मंदिर का निर्माण हुआ। इस स्थान की एक और कहानी जुड़ी है बताया जाता है एक बार बांदा में डीएम हरगोविंद विश्नोई व एसपी मेहरबान सिंह थे वो काफी तामझाम के साथ इस मेले को रोकने के लिए यहां पर आये, तब यहां के पुजारियों ने उनको नौरात्र की विशेषता बताते हुए 9 नारियल फोड़े और पुजारी ने बताया कि उनका लड़का आंखों से देख नहीं सकता था, इस मंदिर में आने के बाद उसकी आंखों में रोशनी आ गयी, वो देखने लगा इसके बाद डीएम व एसपी ने जाकर शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी, तभी से यहां पर हर साल नौरात्र में 10 दिन मेला लगता है जिसमे नवमी के दिन विशाल मेले का आयोजन होता हैं जिसमे पुलिस द्वारा बड़ी तादात में पुलिस बल को भी सुरछा की दृष्टि से यहां लगाया जाता है।
बांदा सब्जी मंडी के भाव कुछ इस प्रकार है
Transcript Unavailable.
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किसानों की समृद्धि के लिए किसान मेला बहुत ही आवश्यक है। यह बातें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रामकेश निषाद ने तीन दिवसीय मेले के उद्घाटन के समय कहीं।
