क्या हो गया है हम अपनी मानवता कहां छोड़ आए हैं आखिर हमको यह किस चीज का नशा है कि हम जो नहीं करते थे वह भी करने लगे क्या हमारा जमीन मर गया है कैसा यह पक्ष विपक्ष का खेल है जिसमे इंसानियत एकदम तोड़ चुकी है सिर्फ हैवानियत ही नजर आती है और दिखाई भी पड़ती है आखिरकार ऐसा कब तक चलेगा आज से 10 साल पहले यह सुनाएं पड़ता था कि अच्छे दिन आएंगे लेकिन माहौल को देखते हुए ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता कि कहीं से भी अच्छे दिन आएंगे क्योंकि यह तो लोगों को पक्ष विपक्ष की गंदी राजनीति से फुर्सत कहां की जो वह विकास की ओर ध्यान दे सके जब भी मौका मिला सिर्फ भड़काऊ भाषण के अलावा और कुछ सुनाई नहीं देता यह गंदी राजनीति के जो खिलाड़ी हैं यह सिर्फ दंगे फसाद करना जानते हैं और कुछ भी नहीं तो मेरे प्यारे हिंदुस्तानी हो अपने आप को गंदगी गंदी राजनीति से बचाओ हम अलग नहीं है हम सब एक ही मन के बेटे हैं