लू लगने के लक्षण और घरेलू उपचार के साथ साथ सावधानियां और बचाव के तरीके, डॉक्टरी सलाह के साथ गर्मी से निपटने की तैयारियां। क्या आपने भीषण गर्मी यानी लू लगने के ऐसे लक्षण खुद में या अपने परिवार, दोस्त या पड़ोसी में देखे हैं? अगर हाँ, तो आपने या उन्होंने ऐसे में क्या कदम उठाए? भीषण गर्मी से जुड़ी और किस तरह की जानकारी आप सुनना चाहेंगे?
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ अशोक झा प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं।ऑर्गेनिक खेती करने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
खुद का खेल बनाना बच्चों को सीखने में मदद करता है, इससे उनका दिमाग तेज़ होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है | खेल में माता पिता का साथ बच्चों और उनके बीच के रिश्ते को और गहरा करता है | क्या आप अपने बच्चों के साथ उनके द्वारा बनाया गया कोई खेल खेलते है ?
भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।
साथियों, यह दिन बेहद ही खास होता है क्यूंकि जगह -जगह पर स्वास्थ्य संगठनों एवं समाज सेवियों द्वारा रक्तदान शिविर लगाई जाती हैं और स्वस्थ्य लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इतना ही नहीं लोग इस दिन बड़े ही उत्साह और निःस्वार्थ भाव से अपने स्वेच्छापूर्वक रक्तदान करते हैं और जरूरतमंद लोगों तक ब्लड पहुँचाने में अपना योगदान देते हैं। तो,आइये हम सब मिलकर रक्तदान की इस मुहीम से जुड़े और विश्व रक्तदाता दिवस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को विश्व रक्तदाता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे क्या हम छोटे फोन पर भी नेट बैंकिंग इस्तेमाल कर सकते है या नहीं।
हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। बाल श्रम इस अधिकार का हनन करता है।” यह एक प्रसिद्ध व्यक्ति मलाला यूसुफजई के विचार है। वाकई में बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप है जो बच्चों को न केवल शिक्षा से दूर कर रहा है बल्कि उनका सम्पूर्ण बचपन भी छीन लेता है इतना ही नहीं यह समाज को विनाश के पथ पर आगे बढ़ाता है। बच्चे देश के भविष्य होते हैं लेकिन बाल श्रम जैसी कुरीति से बच्चों का भविष्य ही अँधेरे में जा रहा है। जिस उम्र में बच्चे खेल कूद कर जीवन के हर पहलुओं को समझते है,उस उम्र बच्चे बाल श्रम करने को बेबस है । तो साथियों , आइये मिलकर बाल श्रम के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद करे और न सिर्फ देश से बल्कि सम्पूर्ण विश्व से बाल श्रम की प्रथा को खत्म करने में अपना भागीदारी सुनिचित करें।
खुद का खेल बनाना बच्चों को सीखने में मदद करता है, इससे उनका दिमाग तेज़ होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है | खेल में माता पिता का साथ बच्चों और उनके बीच के रिश्ते को और गहरा करता है | क्या आप अपने बच्चों के साथ उनके द्वारा बनाया गया कोई खेल खेलते है ?