मीठे गुड़ में मिल गए तिल उड़ी पतंग और खिल गए दिल हर पल सुख और हर दिन शांति आप सबके लिए खुशियाँ लाये मकर संक्रांति ! मकर संक्रांति यानी कि सूर्य के एक राशि से दूसरे यानी मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। यह देश के अलग अलग भागों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इस दौरान विभिन्न पारंपरिक पकवान या मीठे व्यंजन तैयार किए जाते हैं। मकर संक्रांति को पतंगों का पर्व , संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी पर्व आदि जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. यह शीतकालीन दिनों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है। भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति मनाने के अपने अनूठे तरीके हैं, जो देश में परंपराओं और रीति-रिवाजों की विविधता को दर्शाते हैं। यह त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखता है, इस पावन अवसर पर मोबाइल वाणी के परिवार की ओर से आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए

बाईस जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है, उद्घाटन से पहले हर कोई राम नाम की लूट में लगा हुआ है। इस लूट में सबका हिस्सा है, लड़ाई उसके बाद भी है क्योंकि इसमें शामिल पार्टियों को लग रहा है कि उन्हें इस लूट का कम हिस्सा मिल रहा है। इस लड़ाई के सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं धर्म और राजनीति जो एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। चारों पीठों के शंकराचार्यों में से एक का कहना है कि राम मंदिर का उद्घाटन अगर प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे तो हम वहां ताली बजाएंगे क्या? प्रधानमंत्री जिनके प्रयासों से यह सब हो रहा है, उनके समर्थक कह रहे हैं कि उन्होंने तो आज से तीस साल पहले कसम खाई थी कि जब तक राम लला को भव्य मंदिर में नहीं बिठा देंगे वह अयोध्या नहीं आएंगे। अब वे राम जी को लेकर आ रहे हैं।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले, मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

नमस्कार साथियों ,मोबाइल वाणी लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उनके लिए है जो एमएसएस मध्यम स्टाफिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़कर टेली कॉलर एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करना चाहते है।नौकरी करने का कार्यस्थल वाराणसी ,उत्तरप्रदेश होगा। न्यूनतम12 वीं पास अनुभवी व्यक्ति इस पद के लिए आवेदन कर सकते है।आवेदनकर्ता को हिंदी और इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना चाहिए इतना ही नहीं आवेदनकर्ता का चयन साक्षात्कार के आधार पर होगा। चयनित व्यक्तियों को प्रतिमाह 10,086 से 15,105 रूपए वेतन दिया जाएगा। साथ ही हेल्थ इन्शुरन्स ,लाइफ इन्शुरन्स और प्रोविडेंट फण्ड की भी अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी। इच्छुक व्यक्ति कंपनी के इस नंबर पर संपर्क कर इस पद से सम्बंधित अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। कंपनी का नंबर है : 9079060722 . तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

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हिटलर जो सोच और करना चाह रहा था उसे तानाशाही कहते हैं, यह सोच किसी भी व्यक्ति में तब आती है जब उसके अनुयाई मानने वाले लोग आंख मूंदकर उसके सही और गलत हर फैसले को मानने लगते हैं। ऐसा करने के लिए आवश्यक होता है कि अनुयाइयों को इसकी आदत लगा दी जाए, जैसा कि इन दिनों भारत में हो रहा है।