उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में, महिलाओं को दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में माना जाता है और स्थिति और भी खराब है। लैंगिक समानता पर देश का रिकॉर्ड निराशाजनक है। बेशक, यह हम सभी के लिए एक चेतावनी है। हम सभी को हाथ मिलाकर महिलाओं को इन भेदभावपूर्ण बाधाओं को दूर करने में मदद करनी चाहिए।