उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पाण्डेय मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लैंगिक समानता न केवल एक मौलिक मानव अधिकार है, बल्कि एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ भविष्य के लिए एक आवश्यक नींव है। महिलाएं और पुरुष शुरू से ही लड़कियों को सशक्त बनाकर अपने पूरे जीवन में सभी समान अधिकारों, संसाधनों, अवसरों और सुरक्षा का आनंद लेते हैं।स्थायी और बढ़ते लाभ तब प्राप्त होते रहते हैं जब लड़कियों को नागरिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय होने के लिए समर्थन दिया जाता है और उन्हें अपने परिवारों और समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक उपकरण और कौशल प्रदान किए जाते हैं।