नर्मदा रेत घाटों पर श्रद्धालु अगरबत्ती, साबुन, शैंपू, तेल के पाउच फेंक जाते हैं। इसके साथ ही पूजन सामग्री, नारियल के अवशेष, अस्थि विसर्जन के दौरान लोगों के मुंडन कराने पर नदी किनारे पड़े बाल एवं पुराने कपड़े फेंकने से लेकर लोग नर्मदा किनारे निस्तार करने से भी नहीं चूकते। नर्मदा किनारे के ग्रामवासी एवं श्रद्धालु स्नान करने के दौरान अपने वाहनों को भी नर्मदा में ही धोते हैं। वहीं लोग अपने पशुओं को नर्मदा में नहलाते है; नर्मदा सफाई अभियान का भी असर नहीं दिखाई दे रहा है बीते महीनों नर्मदा किनारे सफाई अभियान चलाकर नर्मदा को संवारने की एक होड़ सी लगी देखी जा रही थी। जो इन दिनों दिखाई नहीं दे रही, अनेक समितियां नर्मदा तटों पर भी प्रत्येक सप्ताह नर्मदा स्वच्छता अभियान चला रही थीं। उक्त अभियानों में से एक भी अभियान के बारे में देखा सुना नहीं गया। लोगों का कहना है कि नर्मदा की सफाई से अधिक फोटो खिंचवाने तक ही नर्मदा भक्ति दिखाई देती है। जबकि हकीकत में नर्मदा के हाल नर्मदा तटों पर जाकर आसानी से देखे जा सकते