नमस्कार साथियों में निकेत अवधिया नरसिंहपुर से आप सभी का स्वागत करता हूं। दोस्तो हम सभी को अपनी जिंदगी में हम को अपना कर अहम को भूलकर चलना चाहिए अक्सर यह होता है कि दोस्तों जब हमारे बीच कोई छोटा व्यक्ति आ जाता है चाहे वह बल से हो चाहे पैसे से हो चाहे समाज में इज्जत से अगर वह छोटा है तो हमारे अंदर एक अहम अपने आप आ जाता है इस कहानी में मैनें यह बताने की कोशिश की है हमें हम पर ही रहना चाहिये हम शव्द हमे लोगो से हर एक से जोड़ कर रखता है।अगर आपको मेरी कहानी बहुत अच्छी लगी आप सभी आपनी राय जरुर साझा किजीये।