यहाँ जो समाज चल रहा है या रह रहा है , गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि गरीब भटक जाते हैं । डी आपका सुधार नहीं है तो कोई सुदार नहीं है जो ममता में रहा है , वे समाज लाए हैं और सभी भैय्या भैय्या लोग समाज चलाते हैं इसलिए माला समूह को बेचारा भटकत फिरती हूं माला समूह को नहीं दे रहा है समाज भैय्या लोग अच्छे चले हैं आओ और आदमों से कहो कि वे गरीब आदमों को दो किलोग्राम राशन दें । क्या दे तुम्हारा जा महीना नहीं आ आपकी महीना ले लेना अबकी महीना कहता है , तुम्हारी सूची हो गया ऐसे नाटक बातते बहुत परेशान हम ले मूई गाँव की दान था समाज की ।