सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है । चुनावी बांड देने वालों की सूची सार्वजनिक की जाना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का आम पब्लिक स्वागत कर रही है