“प्रकृति के महत्व को अब जाने ये संसार छठ पूजा के पावन पर्व पर हो सभी का उद्धार…” “जग के कोने-कोने में ज्ञान का प्रकाश हो इस छठ पूजा हर कहीं सुख-शांति का निवास हो…” साथियों.... चार दिनों तक चलने वाली छठ महापर्व हिंदू समुदाय का एक मुख्य त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है। छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। साथियों आप सभी श्रोतागणों को मोबाइल वाणी परिवार की और से छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.....

आज पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अहंकारी रावण को पराजित कर विजय हासिल किया था और समस्त मानव समुदाय को एक सकारात्मक सन्देश दिया था । आइये हम सब अपने अंदर छिपी बुराइयों का अंत करने का प्रण ले और आपसी सौहार्द एवं पुरे हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाये। इसी के साथ आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विजयदशमी पर्व का हार्दिक शुभकामनाएं

परम्पराओं और संस्कृति से परिपूर्ण हमारा देश भारत में विभिन्न त्योहार मनाया जाता है और इन्ही में से एक है दुर्गा पूजा का त्यौहार । नौ दिनों के इस त्यौहार में दुर्गा माँ के नौ रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। यह उत्सव राक्षस महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का उत्सव है। दुर्गा पूजा का त्यौहार महिला शक्ति का चित्रण करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है । विभिन्न जगहों पर अलग अलग मान्यताओं के साथ दुर्गा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।साथियों आइये आपसी सौहार्द और खुशियाँ बाँट कर दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाए। आप सभी साथियों को मोबाइल वाणी के पूरे परिवार की ओर से दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आज हमारा देश पूरे उत्साह और उमंग के साथ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारतवासियों के लिए इस दिन का बड़ा महत्व है। सदियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था। हम कृतज्ञ है उन वीर सपूतों और वीरांगनाओं का जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और हमें स्वतंत्र भारत में गर्व से जीने का अवसर दिया। अब हमारा कर्तव्य है अपने देश की रक्षा करें , दुनिया में भारत का नाम रौशन करें और समाज में फैली कुरीतियों और बुराइयों का अंत कर,देश को प्यार का आशियाँ बनाएं। मोबाइल वाणी परिवार के तरफ से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पुरे हर्षो- उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है रामनवमी की जो की आज देश प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। रामनवमी का त्योहार जो हमारी धरोहर है और हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है यह हमारे जीवन को खुशियों और उमंग से भर देता है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।सनातन मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों में विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है ,और शहर में श्री राम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां निकाली जाती है। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को रामनवमी की ढेर सारी बधाईयाँ।

जिंदगी के हर पल खुशियों से कम न हो, आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो, ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो, जी हां दोस्तों ईद-उल-फितर जिसे आप लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते है।आज दुनिया भर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है और लोग एक दूसरे के गले लग कर बधाइयाँ दे रहे है और खुशियाँ बाँट रहे है। रमजान के महीने से ही ईद के जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है । बच्चों से लेकर बड़ों बूढों तक को ईद का इंतज़ार रहता है। ईद के मौके पर ईदी दिए जाने का रिवाज है। लोग अपने करीबियों को ईद की मुबारकबाद के साथ ईदी के रूप में तोहफे देते हैं ।नए कपड़े पहनते हैं, भव्य दावतें तैयार करते हैं।ईद मुस्लिम समुदाय के खास त्योहारों में से एक है और यह रमजान के आखिरी दिन सेलिब्रेट किया जाता है। ईद हमें एकता और आपसी सौहार्द का संदेश देता है और समृद्ध समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।लोग इसे उत्साह और बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।तो आइये हम भी इस जश्न का हिस्सा बने और समाज में शांति-सद्भाव और अमन का सन्देश फैलाये। दोस्तों,मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को ईद की ढेर सारी बधाईयाँ।

ऐसे मनाना होली का त्यौहार, पिचकारी से बरसे सिर्फ प्यार, यह मौका अपनों को गले लगाने का, तो गुलाल और रंग लेकर हो जाओ तैयार।होली के दिन हर जगह जश्न का माहौल होता है,भारत में होली बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है कई राज्यों में वसंत ऋतु के आगमन होते ही होली के त्यौहार की शुरुआत हो जाती हैं।होली के दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग व गुलाल लगाते हैं,घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।तो आइये दोस्तों हम भी मनाये बिना पानी के गुलाल और रंगो वाली सुखी और स्वस्थ होली। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से होली के शुभ अवसर पर आप सभी को ढेरो बधाइयां।

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

बीते सप्ताह हमने विवाह में कुरितीयां और परपंराओं पर बात की थी। इसे आगे बढ़ाते हुए इस सप्ताह सत्यशोधक विवाह क्या है, और क्या इसे कानूनी मान्यता है, वर्तमान में समाज में इस की आवश्यकता क्यों हैं पर बात करेंगे। भारत में देश आजाद होने के आठ साल बाद 18 मई 1955 को हिंदू विवाह काननू लाया गया था। इस कानून में विवाह योग्य भावी वर वधु इनके बीच होने वाला एक करार कहा गया था। इस के पूर्व डेढ सौं वर्ष पूर्व महात्मा ज्योतिबा फुले ने विवाह की परिभाषा में कबुलायत शब्द का उपयोग किया गया था और सत्येशोधक विवाह पद्यति की शुरूआत की गई थी।