मेवात में बढ़ी सेक्सटार्शन और ऑनलाइन ठगी की वारदातें, गांव में बैठकर देशभर में देते हैं वारदातों को अंजाम राजस्थान के मेवात क्षेत्र में अब सेक्सटार्शन और ऑनलाइन ठगी की वारदात बढ़ने लगी है। प्रदेश में भरतपुर व अलवर जिलों के मेवात इलाके में लगभग प्रत्येक घर के पुरूष सदस्य सेक्सटार्शन और आनलाइन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल है। जयपुर, राज्य ब्यूरो। वाहन चोरी के लिए देशभर में कुख्यात रहे राजस्थान के मेवात क्षेत्र में अब सेक्सटार्शन (वेकबैम, मोबाइल पर वीडियो काल के जरिए किसी की अश्लील गतिविधियों एवं निर्वस्त्र करना) और आनलाइन ठगी की वारदात बढ़ने लगी है। प्रदेश में भरतपुर व अलवर जिलों के मेवात इलाके में लगभग प्रत्येक घर के पुरूष सदस्य सेक्सटार्शन और आनलाइन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल है। ऐसे मामलों में पुलिस ने जनवरी से लेकर अब तक 750 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं नौ महीनों में 70 हजार मोबाइल फोन और 59 हजार सिम कार्ड बरामद की है। ये सभी सिमकार्ड पश्चिम बंगाल,असम,उड़ीसा,बिहार,कर्नाटक और मिजरोरम से खरीदे गई हैं। सिम कार्ड उन्ही राज्यों लोगों के दस्तावेजों के आधार पर खरीदे गए हैं। दोनों जिलों में करीब 65 हजार मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं। भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि दूर संचार विभाग को पत्र लिखकर पांच राज्यों के मोबाइल की मेवात इलाके में रोमिंग बंद करने के लिए कहा है । साथ ही इन राज्यों में फर्जी दस्तावेजों से सिम खरीदने पर भी लगाम लगाई जाए । इन राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक पकड़े गए अधिकांश बदमाशों के पास इन पांच राज्यों के सिमकार्ड बरामद हुए हैं। मेवात इलाके के 130 मोबाइल टावरों से जुड़े फोन कनेक्शनों पर अब पहले से अधिक नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि मेवात के आठ पुलिस थाना क्षेत्रों में चार-चार विशेष टीम गठित की गई हैं, जो सेक्सटार्शन और आनलाइन ठगी की वारदात रोकने का काम करेगी। निरंतर अभियान चलाकर बदमाशों को पकड़ा जाएगा। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इन लोगों की मोबाइल कंपनियों के कर्मचारियों से तो मिलीभगत नहीं है। सेक्सटार्शन और आनलाइन के माध्यम से ठगी करने वाले अधिकांश लोग अनपढ़ हैं। आनलाइन ठगी पर जोर अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि दो तरह की ठगी की घटनाएं ज्यादा हो रही है। एक ठगी सेस्क्सटार्शन के नाम पर हो रही है। इसमें लड़की की फोटो की मदद से इंटरनेट मीडिया पर फर्जी अकांउट बनाया जाता है। उसके बाद उस अकाउंट से लोगों से बातचीत प्रारंभ होती है। वीडियो कालिंग भी होती है। उसके बाद रिकार्डिंग इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर पैसा वसूलते हैं। दूसरी ठगी आनलाइन गेमिंग शो एवं फ्री पास उपलब्ध करवाने एवं खरीददारी में छूट देने के नाम पर होती है। अलवर पुलिस ने आनलाइन ठगी करने वाले 193 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुर्जुग खेती और युवक ठगी करते हैं भरतपुर जिले के जूरहरा, कांमा, डीग एवं नगर तहसीलों के करीब चार सौ गांवों में मेव समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इन गांवों में बुजुर्ग और महिलाएं तो खेती करते हैं। वहीं जवान सेक्सटार्शन एवं आन लाइन ठगी की वारदात में में जुटे हैं। युवक गांवों में पेड़ों के नीचे और कच्चे घरों में बैठकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर पैसे एंठने के काम में जुटे रहते हैं। लगभग सभी युवकों के पास दो से तीन सिम कार्ड है । इनमें से एक भी उनके स्वयं के नाम से नहीं है। पुलिस के अनुसार ये युवक पहले तो इंटरनेट मीडिया पर लोगों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हे निर्वस्त्र होकर वीडियो काल करने के लिए तैयार करते हैं। ये स्वंय महिला की आवाज में बात करते हैं और सामने वाले व्यक्ति का वीडियो काल के दौरान वीडियो बन लेते हैं। खुद का चेहरा सामने वाले व्यक्ति को नहीं दिखाते हैं। इसके बाद उस व्यक्ति को वीडियो भेजकर पैसों की मांग करते हैं, नहीं देने पर वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते हैं। पुलिस के अनुसार कई राज्यों की पुलिस स्थानीय पुलिस के सहयोग से मेवात इलाकों में दबीश दे चुकी है। आनलाइन ठगी की वारदात में ठग खुद को किसी बैंक, वित्तीय, मोबाइल अथवा बीमा कंपनी का प्रतिनिधि बनकर लोगों को फोन करते हैं। बातचीत में लोगों से उनके बैंक के खाता नंबर अथवा एटीएम के पिन नंबर पूछते हैं और फिर आनलाइन पैसे निकाल लेते हैं।
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नूंह में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
नूंह में आंगनबाड़ी वर्करों-सहायकों का प्रदर्शन
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मेवात, हरियाणा: मेवात के करोड़ों युवा इस क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय की मांग कर रहे हैं, जो कथित तौर पर हरियाणा राज्य में पिछड़ा हुआ है। ऐसे कई समूह और कार्यकर्ता हैं जो समय-समय पर मेवात में विश्वविद्यालय की कमी का रोना रोते रहे हैं। हरियाणा का यह जिला दिल्ली से बमुश्किल 97 किलोमीटर दूर है और एनसीआर के शहर गुरुग्राम से सटा हुआ है, जिसे अपनी चकाचौंध और विकास के लिए मिलेनियम सिटी के रूप में भी जाना जाता है। कार्यकर्ताओं को यह दुखद और अपमानजनक लगता है कि वे उस चीज़ के लिए लड़ रहे हैं जो आदर्श रूप से 550 गांवों में 10.89 लाख की आबादी वाले जिले में स्वाभाविक रूप से होनी चाहिए। मेवात में कुल साक्षरता दर मात्र 56% है (2011 के आंकड़ों के अनुसार देश की औसत 74% के मुकाबले)। स्थिति तब और गंभीर लगती है जब कोई देखता है कि निकटतम शहर गुरुग्राम में एमिटी यूनिवर्सिटी (मानेसर परिसर), द नॉर्थकैप यूनिवर्सिटी, अंसल यूनिवर्सिटी, केआर मंगलम यूनिवर्सिटी और जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी जैसे कई विश्वविद्यालय हैं।
हरियाणा का मेवात रीजन साइबर क्राइम के लिए कुख्यात है. आए दिन यहां से साइबर अपराधियों को पकड़ा जाता है. पिछले एक साल में 300 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी की गई है. हरियाणा के मेवात रीजन में 1 साल के भीतर 5 लाख सिम कार्ड किए गए ब्लॉक, Haryana Cyber Crime: हरियाणा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट लगातार अपराधियों पर नकेल कसने का काम कर रही है. पिछले साल यानी 2022 में साइबर क्राइम के लिए मेवात क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे लगभग 5 लाख सिम कार्डों को ब्लॉक किया गया है. ये सिम कार्ड लगभग 40 गांवों में उपयोग में थे. इसी के साथ पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल कम से कम 402 कथित अपराधियों की पहचान की है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस 1 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2022 के बीच की गई 66,784 शिकायतों पर कार्रवाई कर रही थी. अकेले मेवात क्षेत्र में करीब 301 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था. हरियाणा का मेवात साइबर अपराध का केंद्र होने के लिए कुख्यात है. साइबर सेल ने अभी तक 2,165 मामले दर्ज किए हैं, 1,065 लोगों को गिरफ्तार किया है और 46.91 करोड़ रुपये की वसूली की है.अधिकारियों ने कहा कि फर्जी सिम कार्ड की पहचान दूरसंचार विभाग (DoT) के एक टूल, टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन की मदद से की गई थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "हमने दूसरे राज्यों से जारी किए गए 4,96,562 मोबाइल नंबरों की पहचान करने के लिए मेवात में सेल टावर डंप विश्लेषण का इस्तेमाल किया. हमने 15,672 और नंबरों की पहचान की है और 1,959 को ब्लॉक किया है. 11 सुओ मोटो मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एक ही इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर के कई उपयोगों का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा, "धोखेबाज कॉल करने के लिए बस एक सिम कार्ड का उपयोग कर रहे थे, फिर फोन को स्विच ऑफ कर रहे थे, उस सिम को हटा रहे थे, अगली कॉल करने के लिए उसी फोन में एक नया सिम लगा रहे थे."एक पहचान पत्र पर कई दर्जन सिम कार्ड वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि एक पहचान पत्र पर अधिकतम छह सिम कार्ड जारी किए जा सकते हैं, जबकि कई मामलों में एक दर्जन से अधिक कार्ड खरीदे जा चुके हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (राज्य अपराध शाखा) ओपी सिंह ने कहा कि मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को सिम कार्ड खरीदने के लिए जमा किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.कैसा काम करता है साइबर क्राइम का पूरा नेटवर्क? वरिष्ठ अधिकारी ने अपराध के मॉडस ऑपरेंडी के बारे में कहा, "एक व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके सिम कार्ड की व्यवस्था करता है, दूसरा बैंक खातों और भुगतान आवेदनों को इन सिम कार्डों से जोड़ता है, तीसरा संभावित लक्ष्यों को कॉल करने और ठगने के लिए दूसरे सिम कार्ड का उपयोग करता है, जबकि चौथा पैसा निकालता है. अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिए ज्यादातर दूर रहने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते हैं."MHA ने जताई चिंता वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मेवात में साइबर अपराध पर चिंता जताई है. 6 फरवरी को गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के साथ एक बैठक में अपराध शाखा के साइबर सेल ने प्रस्ताव दिया था कि "तत्काल गिरफ्तारी के लिए जांच के अधिकार क्षेत्र को पीड़ित के राज्य से आरोपी के राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए."ओपी सिंह ने कहा, "उदाहरण के लिए हरियाणा में एक अपराधी केरल के निवासी से 40,000 रुपये की ठगी करता है. नियमानुसार केरल में मामला दर्ज किया जाएगा. केरल पुलिस आरोपियों का पता लगाने के लिए हरियाणा में जांच शुरू करेगी. इसके बाद वे जालसाज के ठिकाने की पहचान करने और गिरफ्तारी करने के लिए हरियाणा आएंगे. इस प्रक्रिया में समय और पैसा लगता है. शिकायतकर्ता भी कई बार पीछे हट जाते हैं. ऐसे में अगर जांच क्षेत्राधिकार अपराधी के राज्य में स्थानांतरित कर दिया जाता है तो निकटतम पुलिस स्टेशन आरोपी को आसानी से पकड़ सकता है. इसके बाद केरल पुलिस को अपराधी को पकड़ने के लिए सूचित किया जाएगा."
हरियाणा में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट CET के तहत ग्रुप C के पदों पर प्रेफेरेंस भरने के बाद हस्ताक्षर करके फॉर्म अपलोड करने की तिथि को बढाया व पोर्टल खोला I