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बालासोर रेल हादसे में मारे गए करीब 50 लोगों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी और उनके शव अब भी भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रखे हुए हैं। इस बीच, भुवनेश्वर नगरनिगम (बीएमसी) ने दो पीड़ितों के अवशेषों का यहां सत्य नगर श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार कर दिया है।एक अधिकारी ने बताया कि एम्स, भुवनेश्वर में हादसे में मारे गए 81 लोगों के शव रखे गए थे जिनमें से 29 शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिये की गई।खबर को पूरा सुनने के लिए ऑडियो लिंक पर क्लिक करें.
बिहार राज्य के समस्तीपुर ज़िला के सुखासन ,रतलाम से लक्ष्मण कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उनका मोहल्ला का सड़क कच्चा है। इस कारण बरसात में आवागमन में समस्या हो रहा है
भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग करके ओमिक्रॉन से निपटने के लिए एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन विकसित की है। इसका विकास जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स द्वारा किया गया, इसे जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत सहायता दी गई है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
दोस्तों, बहुत दुःख और भारी मन के साथ हम ये बता रहे है कि ग्रामवाणी की प्रखर सामुदायिक संवाददाता सहकर्मी, लखनऊ मोबाइल वाणी की कोऑर्डिनेटर, सामाजिक कार्यकर्ता और हम सब की अज़ीज़ माधुरी चौहान अब इस दुनिया में नहीं रहीं।