रिन्कुदेवी ने एक कविता सुनाई जिसके बोल हैं नानी तेरी मोरनी को मोर ले गई बाकि जो बचा था काले चोर ले गए इस कविता को बच्चों के द्वारा बहुत सुना जाता है