मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां तो चलिए आज सुनते हैं कि माता-पिता के झगड़े से उपजे तनाव से हम अपने आपको सुरक्षित रख सकते हैं? साथ ही बताएं कि क्या आपने कभी ऐसा कुछ महसूस किया है या ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं जिन्होंने ऐसी स्थिति का सामना किया है? ऐसी परिस्थिति में आपको क्या लगता है कि आपके सबसे नजदीकी रिश्ते को बनाए रखने में और किस तरह की मदद उपयोगी हो सकती है? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
साथियों , अनेकता में एकता का प्रतीक हमारे देश भारत ने खुद में कई विविधताओं को अपने अंदर समेटा हुआ है और पुरे साल पर्व - त्योहारों से यहां का वातावरण ऊर्जावान बना रहता है। एक पर्व जाता है और दूसरा पहले से ही दस्तक देने के लिए तैयार रहता है।इसी कड़ी में आज हम मना रहे हैं - दीपों का पर्व, दीपावली। साथियों इसी दिन भगवान श्री राम 14 साल के बाद ,अपने वनवास को पूरा कर के जब अयोध्या वापस लौटे थे,तब उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने पुरे अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया था और खुशियां मनाई थी। तब से लेकर हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि को ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन पुरे घर की सफाई की जाती है और माता लक्ष्मी एवं गणेश जी की पूजा की जाती है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार रंग बिरंगे बत्तियों ,तोरण ,फूलों ,रंगोली, इत्यादि से अपने घरों को सजाते हैं और इस अवसर पर तरह - तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती है और मिठाइयां बाटी जाती है। तो दोस्तों ,आइए आज दीपावली के दिन आशावादी दीपक जला कर पूरे विश्व के लिए सुख,शांति,समृद्धि,और प्रेम की कामना करें।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए मिट्टी का चयन और रोपाई से पहले खेत की तैयारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
नमस्कार,दोस्तों! मोबाइल वाणी और माय कहानी आप के लिए लेकर आये है कार्यक्रम भावनाओं का भँवर, जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़े कुछ जानकारी। क्योंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं होती, इसलिए इससे जूझने से बेहतर है कि इससे जुड़े पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढ़ना । तो चलिए सुनते हैं कि चुप रहना हमारे मन और मस्तिष्क को किस तरह से प्रवाहित करता है और छुपी तोड़ना क्यों जरूरी है? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू मटर की खेती के बारे में जानकारी दे रहे है । मटर की खेती के लिए अच्छे बीज,खाद सहित अन्य जानकारियों के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...
Transcript Unavailable.
साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है। टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
आज पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अहंकारी रावण को पराजित कर विजय हासिल किया था और समस्त मानव समुदाय को एक सकारात्मक सन्देश दिया था । आइये हम सब अपने अंदर छिपी बुराइयों का अंत करने का प्रण ले और आपसी सौहार्द एवं पुरे हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाये। इसी के साथ आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विजयदशमी पर्व का हार्दिक शुभकामनाएं
आज के भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में मानसिक तनाव एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बन गया है। मानसिक स्वास्थ्य न सिर्फ हमारे मन को बल्कि भावनाओं, सामाजिक व्यवहारों और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है । यह हमारे सोचने, महसूस करने, और काम करने के तरीके को निर्धारित करता है। बढ़ते मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करता है। साथियों, हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। और इस साल यानी 2024 का थीम है "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय आ गया है"। यह थीम व्यवसायों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर देता है। आज के समय में कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य एक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि अधिक से अधिक व्यक्ति काम से संबंधित दबावों के कारण तनाव, चिंता और डिप्रेशन का अनुभव करते हैं। इस मुद्दे को संबोधित करने से न केवल कर्मचारियों को लाभ होता है बल्कि संगठनात्मक उत्पादकता और संस्कृति भी बढ़ती है। साथ ही मन में सकारात्मक सोच का संचार होता है।