कम मजदूरी के कारण निकट भविष्य में विश्व प्रसिद्ध कानी पश्मीना शॉल बुनने वाले कारीगरों का अभाव हो सकता है, क्योंकि कई कारीगर अपने बच्चों को शिल्प की इस विधा को अपनाने नहीं देने का निर्णय कर रहे हैं।कश्मीरी ऊन से बनी कानी शॉल को स्थानीय रूप से पश्मीना शॉल के रूप में जाना जाता है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

एक ओर जहां फरवरी से पड़ रही अप्रत्याशित गर्मी ने रबी की फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर आगामी मॉनसून सीजन में अल नीनो की आशंका के चलते खरीफ की फसलों को भी नुकसान पहुंचने का अंदेशा जताया जा रहा है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ को स्कूली पुस्तकालयों में उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च द्वारा तम्बाकू उत्पाद और उनसे होने वाले कचरे को लेकर एक अध्ययन किया गया है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

​अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक के कस्टमर हैं तो यह खबर आपके मतलब की है. बैंक बदलते वक्त के साथ ही अपने अकाउंट होल्डर्स को तरह-तरह की सुविधाएं देता है। इसमें एसबीआई का योनो मोबाइल बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है।

भारत में हर दिन गर्भावस्था या प्रसव के दौरान करीब 66 महिलाओं की मौत हो जाती है। मतलब की हर साल देश में गर्भावस्था या प्रसव के दौरान 24,000 माओं की मौत हो जाती है। देखा जाए तो दुनिया में भारत, नाइजीरिया के बाद दूसरा ऐसा देश है जहां इतनी बड़ी संख्या में गर्भावस्था या प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु हो रही है।

भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 95 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,85,132 हो गई है। वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,921 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 5,30,761 है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दुनिया लगभग एक दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए जलवायु परिवर्तन के समझौते की सीमा को तोड़ देगी। प्रदूषण में भारी कटौती के बावजूद भी मध्य शताब्दी के आसपास बढ़ते तापमान की सीमा को तोड़ना असंभव होगा।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक नए अध्ययन में पूर्वानुमान लगाया गया है जो पिछले मॉडलिंग की तुलना में सबसे ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 फरवरी 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 191 में सिवान सहित 22 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब रहा। वहीं केवल आठ शहरों में हवा बेहतर रही, जबकि 44 शहरों की श्रेणी संतोषजनक 73 में मध्यम रही।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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