भारत की करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे स्तर पर बसर करने को मजबूर है मगर विदेश में शिक्षा हासिल करने वाले हजारों भारतीय छात्रों के अभिभावक हर वर्ष करोड़ों रुपए की मांगी फीस खर्च कर रहे हैं।