मोका चक्रवात 13 मई को बंगाल की खाड़ी से टकरा चुका है। मौसम विज्ञानियों और जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि यह साल 1982 के बाद मई के महीने में बंगाल की खाड़ी से टकराने वाला सबसे तेज गति का चक्रवात है। इसकी तीव्रता 260 किमी प्रति घंटे थी, जिसकी वजह से बांग्लादेश और म्यांमार के तटों पर भारी नुकसान हुआ। इससे पहले साल 1997 में बंगाल की खाड़ी से एक चक्रवात 212 किलोमीटर की रफ्तार से टकराया था। वहीं साल 2020 में अम्फान चक्रवात 265 किलोमीटर की रफ्तार से बंगाल की खाड़ी से टकराया था। इस चक्रवात में कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की सूचना मिली थी, क्योंकि चक्रवात ने बांग्लादेश में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को पार करने के लिए तैयार किए गए रास्ते पर लैंडफॉल बना दिया था, जो लगभग एक लाख रोहिंग्याओं का घर था, जो सालों पहले पड़ोसी म्यांमार से भाग गए थे। व्यापक विनाश की आशंका पर सुरक्षा की टीमों ने बांग्लादेश और म्यांमार से सैकड़ों हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला। भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा कि वर्ष 2008 में चक्रवात नरगिस की तीव्रता 215 किमी प्रति घंटे की थी। यह म्यांमार से टकराने वाली सबसे खराब मौसम संबंधी आपदा थी। चक्रवात मोका ने अब वैश्विक एजेंसियों के अनुसार 260 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति प्राप्त कर ली है, जो सुपर साइक्लोन श्रेणी के अंतर्गत आता है।