बीएड कॉलेजों की गुणवत्ता पर उठते सवालों के बीच चार वर्षीय नए इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को लेकर शिक्षा मंत्रालय बेहद सतर्क है। वह अभी सिर्फ सरकारी शिक्षण संस्थानों को ही इस नए कोर्स को चलाने की अनुमति देने के पक्ष में है।यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ( एनसीटीई) ने दूसरे चरण के पायलट के लिए भी केंद्रीय व राज्य के विश्वविद्यालय सहित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों से ही आवेदन मांगे गए है। इस दौरान 31 मई तक इन संस्थानों को आवेदन करने के लिए कहा है। एनसीटीई का मानना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षकों को तैयार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। ऐसे में जब तक यह कोर्स पूरी तरह से परिपक्व नहीं हो जाता है, तब तक इसे सिर्फ सरकारी और शीर्ष शिक्षण संस्थानों से ही चलाने की अनुमति दी जाएगी।इस कोर्स के पहले चरण के पायलट में देश भर के 57 शीर्ष सरकारी शिक्षण संस्थानों को चयनित किया गया है, जिसमें आइआइटी और एनआइटी जैसे संस्थान भी शामिल है। एनसीटीई के मुताबिक शीर्ष संस्थानों को ही इन कोर्स को चलाने की अनुमति देने से इसकी गुणवत्ता को कायम रखा जा सकेगा। इन सभी संस्थानों में इसी साल से यह कोर्स शुरू हो जाएगा। 15 मई तक इनमें दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। फिलहाल इनमें दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए होगा। इस प्रोग्राम के तहत संस्थान बीए-बीएड, बीएससी-बीएड व बीकॉम- बीएड जैसे कोर्स शुरु कर सकेंगे। यह कोर्स भी क्रेडिट सिस्टम के तहत डिजाइन किया गया है।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।