जलवायु परिवर्तन का असर इंसानों के अलावा और भी प्राणियों पर पड़ रहा है। सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने का प्रयास तो कर ही रही है,लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ...

जलवायु परिवर्तन का असर इंसानों के अलावा और भी प्राणियों पर पड़ रहा है। सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने का प्रयास तो कर ही रही है,लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी ...

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दोस्तों,पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ -पौधों का होना बहुत जरुरी है। इसे ध्यान में रखते हुए लगभग सभी राज्यों की सरकार सजग है। बिहार सरकार द्वारा पर्यावरण को बचाने और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है, जिसका नाम है " बिहार पेड़ लगाओ पैसे पाओ योजना " . आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से.....

झारखण्ड राज्य के दुमका जिला के जामा प्रखंड से संदीप कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, जामा प्रखंड के पचरुखी आँगनबाड़ी केंद्र में सीनी संस्था के द्वारा समुदाय के लोगो को जलवायु परिवर्तन के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण सीनी संस्था के कार्यकर्त्ता विकाश राव और लालधन पंडित के द्वारा विस्तार पूर्वक दिया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन क्या है, मौसम किसे कहते है, जलवायु परिवर्तन से क्या नुकसान हो रहा है इस बारे में चर्चा किया गया। पर्यावरण के बचाव हेतु लोगों को जागरूक किया गया। जल संरक्षण को लेकर ग्रामीणों से मुलाकात किया गया और इसका प्लान तैयार किया गया। गाँव का सोशल रिसोर्स मैप भी तैयार किया गया, इसमें यह दिखाया गया है की गाँव के खाली जमीन पर हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करवाना है, जल संरक्षण के लिए जल की बर्बादी को रोकना है और जल सोख्ता गड्ढा का निर्माण के लिए समुदाय के लोगों को प्रेरित करना है।

कई राज्य सरकारों द्वारा खेत में पोखर और तालाब बनवाने सम्बंधित योजनाएं चलाई जा रही है।इसके अंतर्गत अनुदान की भी व्यवस्था की गई है।

झारखण्ड राज्य, दुमका जिला के चरकटा गांव से ईश्वर चन्दर शाह मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि, लोग यदि अपना योगदान खुद से देंगे तो पर्यावरण में प्रदूषण खुद ही कम हो जाएगा जेहिसे की पेड़ लगाएं या वाहन का इस्तेमाल करने के बजाये साइकल का इस्तेमाल करें। तथा इनका कहना है की इन्होने खुद से एक छोटा सा डैम बनाया है जिसके पानी को इस्तेमाल कर के छूटे किसान अपने खेतों को सींचते हैं। हालांकि इस डैम में बहुत ज़ियादा पानी जमा नहीं हो पाटा है लेकिन फिरभी कुछ लोगों की ज़रूरत को थोड़ा पूरा कर देता है

आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत सरकार ने "मीठी क्रांति"का नारा दिया है। किसान खेती के अलावा पशुपालन या मधुमक्खी पालन कर के भी पैसे कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार ट्रेनिंग एवं रोजगार शुरू करने के लिए सहायता राशि भी दे रही है