सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

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बीते दिनों महिला आरक्षण का बहुत शोर था, इस शोर के बीच यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए की अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाले दल के आधे से ज्यादा भू-भाग पर शासन होने के बाद भी एक महिला मुख्यमंत्री नहीं है। इन सभी नामों के बीच ममता बनर्जी इकलौती महिला हैं जो अभी तक राजनीति में जुटी हुई हैं। वसुंधरा के अवसान के साथ ही महिला नेताओं की उस पीढ़ी का भी अवसान हो गया जिसने पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय तक महिलाओं के हक हुकूक की बात को आगे बढ़ाया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जबकि देश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की बात की जा रही है। एक तरफ महिला नेताओं को ठिकाने लगाया जा रहा है, दूसरी तरफ नया नेतृत्व भी पैदा नहीं किया जा रहा है।

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गिरिडीह मोबाइल वाणी पर झारखंड से सर्वेश तिवारी बता रहें हैं,महिला आरक्षण विधेयक से फायदा या नुकसान, क्या बेहतर हो जाएंगी देश भर के महिलाओं की अवस्था, क्या दूर हो जाएंगे समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध,उपेक्षा,अवहेलना,प्रताड़ना,अनैतिकता की वारदातें,निःसंदेह चुनाव के पूर्व देश के महत्वपूर्ण मुद्दों से नजर फेरने के लिए यह एक नया शिगूफा है सुनें पूरी बात।

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भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष प्रीति संगीता सेठ की अध्यक्षता में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जो झंडा मैदान से जुलूस की शक्ल में आते हुए और टावर चौक पर इसका समापन पटाखा एवं मिठाई खिलाकर किया गया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड से ओमप्रकाश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं की झारखण्ड सरकार के द्वारा स्थानीय निति और नियोजन निति जो लागू की है उसे कुछ राजनितिक लोगों ने बहिस्कार किया है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

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बगोदर में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और इंकलाबी नौजवान सभा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला जो सरिया रोड स्थित किसान भवन से शुरू होकर समूचे बगोदर बाजार भर्मण के पश्चात बस स्टैंड पहुंचा जहां वह नुक्कड़ सभा मे तब्दील हो गया। नुक्कड़ सभा को संबोधित करते भाकपा माले प्रखण्ड सचिव ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार द्वारा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और एस एसटी और ओबीसी आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के हिम्मत भरे फैसले का हम स्वागत करते है और मांग करते हैं कि यथा शीघ्र इन्हें विधानसभा में पारित किया जाय और केंद्र सरकार इनकी मंजूरी दे। इनौस झारखंड प्रदेश अध्यक्ष संदीप जायसवाल ने कहा कि 1932 आधारित स्थानीयता कानून एवं आरक्षण के विस्तार का कानून झारखंड की जन आकांक्षा के अनुरूप है और इन कानूनों के जरिये झारखंड के वंचित छात्र -नौजवानों को न्याय मिलेगा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।उन्होंने इसके लिए आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा समेत तमाम आंदोलनकारियों को धन्यवाद सह आभार व्यक्त किया जिसके चलते हेमंत सरकार को झारखंडियों के पक्ष फैसले लेने को मजबूर किया। ऐपवा नेत्री और पूर्व जिला परिषद पूनम महतो ने कहा कि झारखंडी जन भावना के अनुरूप हेमंत सरकार के 1932 आधारित स्थानीयता नीति व आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के फैसले भाजपा द्वारा झारखंड सरकार को अपदस्थ करने की कुटिल कोशिशों के खिलाफ करारा तमाचा है।भाजपा के रघुवर की लोकतंत्र विरोधी-जन विरोधी सरकार के खिलाफ मिले जनादेश के खिलाफ किसी तरह की साजिश झारखंडी जनता बर्दास्त नही करेगी। मौके पर इनौस जिला सह सचिव पुरन कुमार महतो,आइसा राष्ट्रीय पार्षद विभा पुष्पा दीप, कारूलाल महतो,भोला महतो ,मुखिया सरिता साव,पूर्व जिप सदस्य सरिता महतो,त्रिभुवन महतो,शेख बदरूद्दीन,बासुदेव विद्यार्थी,पुरन चंद महतो,सुखदेव सिंह,पंकज कुमार महतो,संदीप शर्मा,मनोज साहू,शेखर कुमार,अशोक कुमार,बिहारीलाल मेहता,रमेश मेहता,इनौस जिला अध्यक्ष सोनू पांडेय,कुश कुशवाहा,कामेश्वर मंडल,अमन पांडेय,शुभम मिश्रा,कर्ण कुमार महतो,सोहर महतो,शम्भू प्रसाद समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।