हर्षोल्लास और शांति पुर्ण तरीके से मनाया जश्ने ईद मिलादुन्नबी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत आज खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी देश खैरात में मिले अमेरिका के सड़े हुए गेहूं पर निर्भर था। देश की इस आत्मनिर्भरता के पीछे जिस व्यक्ति की सोच और मेहनत का परिणाम है मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन जिसे बोलचाल की भाषा में केवल स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता था। कृषि को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्वामीनाथन का 28 सितंबर 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925, को तमिलनाडु के कुम्भकोण में हुआ था। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिन्होंने देश की कृषि विकास में अहम योगदान माना जाता है। कृषि सुधार और विकास के लिए दशकों पहले दिए उनके सुझावों को लागू करने की मांग आज तक की जाती है। हालिया कृषि आंदोलन के समय जब देश भर के किसान धरने पर थे तब भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि यह वही सरकार है जिसने चुनावों के पहले किसानों को वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।

गिरिडीह मोबाइल वाणी पर झारखंड से सर्वेश तिवारी बता रहें हैं,महिला आरक्षण विधेयक से फायदा या नुकसान, क्या बेहतर हो जाएंगी देश भर के महिलाओं की अवस्था, क्या दूर हो जाएंगे समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध,उपेक्षा,अवहेलना,प्रताड़ना,अनैतिकता की वारदातें,निःसंदेह चुनाव के पूर्व देश के महत्वपूर्ण मुद्दों से नजर फेरने के लिए यह एक नया शिगूफा है सुनें पूरी बात।

हेलमेट मज़बूरी नहीं जरुरी है। यातायात नियमों का उल्लंघन ना करें। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

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गठबंधन द्वारा बैन किये जाने के बाद के सबसे पहला विरोध इन एंकरों की तरफ से आया ‘जिन्होंने नाखून कटाकर शहीद होने की घोषणा कर दी’, खुद पर लगाए बैन को आपातकाल घोषित कर पत्रकारिता पर हमला तक करार दे दिया। जिन 14 एकंरों पर बैन लगा उनमें से ज्यादातर ने बैन वाले दिन भी अपने प्रोग्राम किये, और अपने प्रोग्राम में विपक्ष द्वारा लगाए गये बैन को गलत बताया लेकिन उनमें से किसी एक ने भी यह बताने कि हिम्मत नहीं कि बैन लगाए जाने के पीछे का कारण क्या है? जबकि दर्शकों को यह बात सबसे पहले बताई जानी चाहिए थी जबकि यह पेशगत ईमानदारी से जुड़ा मसला है।

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पारसनाथ इन्टर एवं डिग्री कॉलेज इसरीबाजार का स्थापना दिवस मनाया गया।यह कॉलेज का 39वां स्थापना पर था।कार्यक्रम का उद्घाटन मौके पर मौजूद मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।संचालन प्रो गौतम सिंह ने किया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोशल मीडिया मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन चूका है। आज स्थिति यह हो गई है कि सोशल मीडिया के बगैर कोई अपने दिनचर्या की कल्पना भी नहीं कर सकता। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।